महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने मराठी भाषा को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन को वापस ले लिया है। पिछले कुछ दिनों से एमएनएस कार्यकर्ता मराठी न बोल पाने वालों के साथ कथित तौर पर मारपीट कर रहे थे, जिसकी वजह से राज्य में तनाव का माहौल था।
गुड़ी पड़वा के दिन आयोजित सभा में राज ठाकरे ने मराठी भाषा को सम्मान देने की बात कही थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे देखें कि राज्य के बैंकों में मराठी में काम हो रहा है या नहीं। इसके बाद एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर आंदोलन किया और मारपीट की, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
इस आंदोलन को खत्म करने के लिए राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है। माना जा रहा है कि यह आदेश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दखल के बाद सामने आया है। हालांकि, राज ठाकरे ने सरकार से सभी सरकारी संस्थानों में मराठी भाषा के अनिवार्य उपयोग की मांग की है।
पिछले दिनों मनसे कार्यकर्ताओं ने बैंक कर्मचारियों के साथ मारपीट की थी, जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। बैंक कर्मचारी यूनियनों ने राज्य सरकार से इस मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिन्होंने कानून को अपने हाथ में लिया। मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया था।
शनिवार को ठाकरे से मुलाकात के बाद सामंत ने कहा कि मनसे प्रमुख के पास मराठी को बढ़ावा देने के लिए कुछ सुझाव हैं और सरकार उन पर विचार करेगी।
राज ठाकरे ने एक पत्र जारी कर आंदोलन वापस लेने की घोषणा की है। उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं को आंदोलन की सफलता के लिए बधाई दी है, लेकिन उन्हें आंदोलन बंद करने की बात कही है। ठाकरे ने अपने पत्र में कहा है कि आंदोलन ने मनसे की ताकत और शक्ति को दिखाया है।
राज ठाकरे ने सरकार से कहा है कि उसे सभी बैंकों और सरकारी प्रतिष्ठानों के लिए मराठी का उपयोग अनिवार्य कर देना चाहिए, फिर वे कानून को अपने हाथ में नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पर्याप्त जागरूकता फैला दी है, इसलिए अभी के लिए आंदोलन बंद कर दें।
राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री के बयान पर भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि वे किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे। राज ठाकरे ने कहा कि वे कानून के रक्षक हैं, तो क्या रिजर्व बैंक के नियमों का पालन करवाना उनका काम नहीं है? उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों और अन्य संस्थानों को मराठी का सम्मान करने के लिए कहे, फिर वे कानून हाथ में नहीं लेंगे, यह तय है।
माझ्या तमाम महाराष्ट्र सैनिकांना..! pic.twitter.com/S3rYGgoYh0
— Raj Thackeray (@RajThackeray) April 5, 2025
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