राजनीति मेरे लिए फुलटाइम जॉब नहीं : पीएम मोदी की रिटायरमेंट चर्चा के बीच सीएम योगी ने अपनी संभावनाओं पर दिया जवाब
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर जवाब दिया है। यह जवाब ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री मोदी की रिटायरमेंट की चर्चा चल रही थी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह राजनीति को अपना पूर्णकालिक काम नहीं मानते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने एक समाचार एजेंसी के साथ अपनी राजनीतिक पारी, बीजेपी में उत्तराधिकारी और उत्तर प्रदेश की दशा-दिशा के बारे में लंबी बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उनसे पूछा गया कि आरएसएस आपको पसंद करती है, मोदी जी आपको पसंद करते हैं, आपको उपयोगी कहते हैं, इस देश का एक बहुत बड़ा तबका आपको प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है, कभी न कभी, तो इसके बारे में क्या कहेंगे आप?

इस प्रश्न का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वे राजनीति को अपना पूर्णकालिक पेशा नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा, देखिए मैं उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं, उत्तर प्रदेश की जनता के लिए पार्टी ने मुझे यहां लगाया है, और राजनीति मेरे लिए एक फुलटाइम जॉब नहीं है, ठीक है इस समय हम यहां काम कर रहे हैं, लेकिन मैं वास्तव में हूं तो एक योगी।

अपने भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं को खुला रखते हुए उन्होंने कहा, हमलोग जिस समय तक हैं... हैं। काम कर रहे हैं। इसकी भी एक समय सीमा होगी।

योगी आदित्यनाथ की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पीएम मोदी के उत्तराधिकारी के बारे में चर्चा जोर पकड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया था, जिसके बाद विपक्षी दल इस बारे में चर्चा कर रहे हैं।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी अपना रिटायरमेंट एप्लीकेशन देने संघ मुख्यालय गए थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस अब राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व में बदलाव चाहती है। राउत ने यह कहकर इस चर्चे को और भी हवा दे दी कि पीएम मोदी को 75 वर्ष वाला नियम याद दिला दिया गया है।

हालांकि, बीजेपी और आरएसएस दोनों ने ही ऐसी किसी भी संभावना को सिरे से खारिज किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो यहां तक कहा कि 2029 में हम मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखेंगे ।

जब बीजेपी आलाकमान से कथित मतभेदों के बारे में सीएम योगी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, मतभेदों का सवाल कहां से आता है? आखिर मैं पार्टी की वजह से ही यहां बैठा हूं। अगर केंद्रीय नेताओं से मेरे मतभेद हैं तो क्या मैं यहां बैठा रहूंगा?

टिकट बंटवारे से जुड़ी चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि टिकटों का बंटवारा पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा किया जाता है और सभी मामलों पर संसदीय बोर्ड में चर्चा होती है।

इसी इंटरव्यू में सीएम योगी से पूछा गया कि आप संघ की पृष्ठभूमि नहीं रखते हैं लेकिन अब आप आरएसएस के चहेते हो गए हैं। इसके जवाब में सीएम योगी ने कहा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक संगठन है और ये स्वयंसेवी संगठनों के लिए मॉडल भी है...

उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस के लिए कोई पसंद और नापसंद नहीं है, आरएसएस के लिए जो भारत के प्रति निष्ठावान होगा, उसे संघ पसंद करेगा।

योगी आदित्यनाथ लगातार दो कार्यकालों में नौ साल तक उत्तर प्रदेश की सत्ता में रहे हैं, जिससे वे राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं।

यूपी में बीजेपी पिछले नौ सालों में कई कामयाबियां मिली हैं। लेकिन पार्टी को यहां 2024 के लोकसभा चुनावों में झटका लगा, जहां उसे 80 में केवल 33 सीटें मिलीं। इस गिरावट ने आंतरिक असंतोष और योगी आदित्यनाथ और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के बीच संभावित दरार की अटकलों को हवा दी।

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