प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय पहुंचे और मावध नेत्रालय की आधारशिला रखी. उन्होंने संघ को भारत की अमर संस्कृति का प्रतीक बताया और सेवा को जीवन का परम लक्ष्य घोषित किया.
उन्होंने कहा कि परोपकार ही हमारा कर्तव्य है और जब यह सेवा संस्कारों में समाहित हो जाती है, तो साधना का रूप ले लेती है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट कहा. उन्होंने कहा कि यह अक्षयवट आज भारतीय संस्कृति और राष्ट्र की आजादी को सतत ऊर्जावान बना रहा है.
प्रधानमंत्री ने स्वयंसेवकों की नि:स्वार्थ सेवा की सराहना करते हुए कहा कि चाहे सीमावर्ती गांव हों, पहाड़ी क्षेत्र हों, वनवासी कल्याण के कार्य हों या आपदा राहत अभियान- संघ के स्वयंसेवक हमेशा आगे रहते हैं. उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में नेत्रकुंभ के दौरान लाखों लोगों की सहायता का भी उल्लेख किया.
मोदी ने परम पूजनीय गुरु जी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि संघ प्रकाश की भांति है, जो स्वयं तो हर कार्य नहीं करता, लेकिन दूसरों को राह दिखाता है. यह मार्गदर्शन राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है.
प्रधानमंत्री ने भारत की गुलामी की मानसिकता को तोड़ने की दिशा में किए गए कार्यों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के कानूनों को बदला गया है, भारतीय न्याय संहिता लागू की गई है, राजपथ को कर्तव्यपथ बनाया गया है और नौसेना के ध्वज में छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रतीक जोड़ा गया है. अंडमान के द्वीपों को स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा गया है, जिससे राष्ट्रीय गौरव को बल मिला है.
प्रधानमंत्री ने वसुधैव कुटुंबकम् के मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत दुनिया के किसी भी कोने में आपदा के समय तुरंत सहायता के लिए खड़ा रहता है. कोविड-19 के दौरान वैक्सीन वितरण से लेकर तुर्किए, नेपाल और म्यांमार में प्राकृतिक आपदाओं के समय भारत ने त्वरित सहायता पहुंचाई.
उन्होंने भारत के युवाओं की महत्वाकांक्षाओं और नवाचार क्षमता की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी मेक इन इंडिया को आगे बढ़ा रही है और स्टार्टअप्स में नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है. वर्तमान युवा अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करता है और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है.
उन्होंने कहा कि आज भारत की सबसे बड़ी पूंजी युवा है. युवा विश्वास से भरा हुआ है. राष्ट्र निर्माण की भावना से ओत-प्रोत युवा आगे बढ़ रहे हैं. यही युवा 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य का झंडा थामे हुए हैं.
प्रधानमंत्री ने संघ की 100 वर्षों की यात्रा को देश के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 1925 से 1947 तक यह संघर्ष का समय था, और अब 2025 से 2047 तक यह विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है. उन्होंने कहा कि हम देव से देश और राम से राष्ट्र के जीवन मंत्र को लेकर अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं.
*जहां सेवा कार्य, वहां स्वयंसेवक... pic.twitter.com/fiDV9CReFl
— BJP (@BJP4India) March 30, 2025
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