सड़कें चलने के लिए हैं, हिन्दुओं से सीखो अनुशासन : CM योगी का सड़कों पर नमाज़ को लेकर बयान
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सड़कों पर नमाज़ अदा नहीं की जा सकती। उन्होंने सड़कों से गुजरने वाली कांवड़ यात्रा पर भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा।

सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों ने वक्फ की संपत्ति पर कब्ज़ा कर लिया है और इन संपत्तियों से किसी गरीब मुसलमान का भला नहीं हुआ।

एक इंटरव्यू में उन्होंने सड़कों पर नमाज़ अदा करने को लेकर कहा, सड़कें चलने के लिए होती हैं और जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उन्हें हिन्दुओं से अनुशासन सीखना चाहिए। उन्होंने प्रयागराज कुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां करोड़ों लोग आए, लेकिन कहीं भी लूटपाट, आगजनी, छेड़छाड़, तोड़फोड़ या अपहरण जैसी घटनाएं नहीं हुईं।

उन्होंने कहा कि यही अनुशासन है, यही धार्मिक अनुशासन है। लोग श्रद्धा के साथ आए, महास्नान में शामिल हुए और अपने गंतव्य की ओर बढ़ गए। त्योहार और उत्सव बदतमीजी का माध्यम नहीं बनने चाहिए, अगर सुविधा चाहिए तो अनुशासन का पालन करना भी सीखना होगा।

सीएम योगी ने कहा कि कांवड़ यात्रा हरिद्वार से गाजियाबाद और एनसीआर इलाकों में जाती है और यह सड़क पर ही चलेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी पारंपरिक मुस्लिम जुलूस नहीं बंद किए। मुहर्रम के जुलूस निकलते हैं, लेकिन ताजिया का आकार थोड़ा छोटा रखने को कहा गया है क्योंकि यह सुरक्षा के लिए ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि रास्ते में हाईटेंशन तार हो सकते हैं, जो किसी के लिए भी नहीं बदले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में भी डीजे का आकार छोटा करने को कहा जाता है और उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई होती है। कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है।

उन्होंने सवाल किया कि ईद पर किस तरह का विरोध प्रदर्शन किया जाएगा? क्या नमाज़ के नाम पर घंटों सड़क जाम की जाएगी? नमाज़ पढ़ने के लिए ईदगाह और मस्जिद होती है, सड़क नहीं।

वक्फ (संशोधन) बिल पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुधार समय की मांग है। उन्होंने कहा कि हर अच्छे काम का विरोध होता है और इसी तरह वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा हो रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या वक्फ बोर्ड ने कोई कल्याण किया है? क्या वक्फ ने मुसलमानों का भी कोई कल्याण किया है? वक्फ निजी स्वार्थ का केंद्र बन गया है और यह किसी भी सरकारी संपत्ति पर जबरन कब्जा करने का जरिया बन गया है। उन्होंने दोहराया कि सुधार समय की मांग है और हर सुधार का विरोध होता है।

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