म्यांमार में भूकंप का कहर: मृतकों की संख्या 694 तक पहुंची, अस्पतालों में खून की भारी कमी
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म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अकेले म्यांमार में 694 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं। इस आपदा में 1,670 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिसके चलते राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है।

थाईलैंड में भी भूकंप से लगभग 10 लोगों की मौत हुई है। म्यांमार में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। इस भयंकर भूकंप का असर म्यांमार के अलावा भारत, चीन, और नेपाल समेत पांच देशों में महसूस किया गया।

शनिवार रात म्यांमार और अफगानिस्तान में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। अफगानिस्तान में सुबह लगभग 5 बजकर 16 मिनट पर 4.7 तीव्रता का भूकंप आया।

म्यांमार की सेना (जुंटा) के अनुसार, भूकंप में 694 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,670 घायल हैं। वहीं यूएसजीएस का अनुमान है कि मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है।

अस्पतालों में घायलों की भारी भीड़ है और खून की भारी किल्लत की खबरें आ रही हैं। हर तरफ मलबे का ढेर, टूटी सड़कें और ढही इमारतें नजर आ रही हैं।

सरकारी समाचार पत्र के अनुसार, पांच शहरों और कई कस्बों में इमारतें गिर गई हैं, और दो प्रमुख पुल भी ढह चुके हैं।

इस विनाशकारी भूकंप ने मंडाले, नेपिटॉ, यांगून और कई अन्य शहरों में इमारतों, पुलों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है। सबसे अधिक मौतें नेपिटॉ में हुई हैं, जहां 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख ने बताया कि देश में अब तक 144 लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है। भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले के पास था। झटकों के बाद कई आफ्टरशॉक्स भी महसूस किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 मापी गई।

मंडाले में भूकंप ने कई इमारतों को जमींदोज कर दिया, जिनमें शहर का एक प्रमुख मठ भी शामिल था। राजधानी नेपिटॉ में भी कई सरकारी कर्मचारियों के आवासीय भवन मलबे में तब्दील हो गए, जहां बचाव दल पीड़ितों को निकालने में जुटा हुआ है।

म्यांमार सरकार के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्तदान की अत्यधिक आवश्यकता है। अस्पतालों में खून की भारी कमी बताई जा रही है। आपदा में घायल लोगों से अस्पताल भरे पड़े हैं।

म्यांमार इस आपदा में दवाओं और अन्य राहत सामग्री की कमी से जूझ रहा है। सैन्य सरकार ने विदेशी सहायता स्वीकार करने की घोषणा की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने प्रारंभिक राहत कार्यों के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि जारी की है। चीन और रूस ने म्यांमार में बचाव दल भेजे हैं।

एक ऑनलाइन वीडियो में मंडाले के एक मठ के पूरी तरह धराशायी होने की घटना कैद हुई है। क्रिश्चियन एड नामक संगठन ने बताया कि भूकंप से एक बांध भी टूट गया, जिससे शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी इस भूकंप का प्रभाव महसूस किया गया। यहां एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई, जिसमें 10 लोगों की मौत हो चुकी है, 16 घायल हैं और 101 लोग लापता हैं।

चीनी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप चीन के युन्नान और सिचुआन प्रांतों में महसूस किया गया। म्यांमार की सीमा पर स्थित रुइली शहर में भूकंप से नुकसान और चोटें आईं।

भारत ने सहायता के तौर पर म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल हैं।

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