कनाडा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने घोषणा की है कि कनाडा और अमेरिका के दशकों पुराने आर्थिक और रक्षा संबंध अब समाप्त हो गए हैं।
कार्नी ने कहा कि कनाडा को आने वाले हफ्तों, महीनों और सालों में अपनी अर्थव्यवस्था के लिए साहसिक निर्णय लेने होंगे। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि कनाडा हर क्षेत्र में सफल हो। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब अमेरिका पर भरोसा करना संभव नहीं है।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सुरक्षा और व्यापारिक संबंधों पर दोबारा विचार करने का समय आ गया है। उन्होंने कनाडाई नागरिकों से देश के भविष्य का फैसला खुद करने का आह्वान किया और कहा कि कनाडा अपनी नियति को स्वयं नियंत्रित करेगा।
कनाडा और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाएँ एक दूसरे पर गहराई से निर्भर हैं। दोनों देश उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (नाफ्टा) के तहत व्यापार करते हैं। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
अमेरिका कनाडा से लगभग 421 अरब डॉलर का सामान आयात करता है, जिसमें कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और ऑटोमोबाइल पार्ट्स शामिल हैं। कनाडा, अमेरिका को 60% से अधिक कच्चा तेल और 85% से अधिक प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करता है। संबंधों के टूटने से अमेरिका में ऊर्जा की कीमतें बढ़ सकती हैं।
कनाडा की अर्थव्यवस्था भी अमेरिका पर अत्यधिक निर्भर है। कनाडा अपने कुल निर्यात का लगभग 75% अमेरिका को भेजता है। यदि यह बाजार बंद हो जाता है, तो कनाडा की जीडीपी में भारी गिरावट आ सकती है। यूरोप और एशिया के साथ दूरी और लागत के कारण कनाडा के लिए तत्काल नए व्यापारिक भागीदार ढूंढना आसान नहीं होगा, जिससे बेरोजगारी और आर्थिक संकट बढ़ सकता है।
कनाडा और अमेरिका न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि नाटो और NORAD (North American Aerospace Defense Command) जैसे सैन्य गठबंधनों से भी जुड़े हुए हैं।
कनाडा, ट्रंप के उस फैसले से नाराज़ है जिसमें उन्होंने अमेरिका में आयात होने वाली कारों पर 25% का टैरिफ लगाया है। यह नया टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो रहा है। माना जा रहा है कि इससे अमेरिका को लगभग 100 अरब डॉलर का लाभ होगा, लेकिन इससे महंगाई बढ़ने का खतरा भी है, क्योंकि टैरिफ का बोझ अंततः ग्राहकों पर पड़ेगा।
ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत और कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की भी घोषणा की है। उन्होंने अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत जैसे कई देश बहुत अधिक टैरिफ वसूलते हैं, अब अमेरिका भी ऐसा ही करेगा। अनुमान है कि 2 अप्रैल से एक नया व्यापार युद्ध शुरू हो सकता है।
Our response is to fight, to protect, and to build. pic.twitter.com/xKDe9b1Gjx
— Mark Carney (@MarkJCarney) March 27, 2025
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