नवजात शिशु को झाड़ियों में फेंका! मानवता हुई शर्मसार
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अंबेडकरनगर जिले के बसखारी थाना क्षेत्र के कौड़ाही गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। किसी निर्दयी मां-बाप ने अपने नवजात शिशु को झाड़ियों में फेंक दिया।

किस्मत ने साथ दिया और ग्रामीणों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी। वे तुरंत पुलिया के नीचे पहुंचे और उसे सुरक्षित बाहर निकाला।

ग्रामीण शंकर चौरसिया ने नवजात को गोद में उठाया और अपने घर ले गए। शिशु ठंड और भूख से कांप रहा था।

ग्रामीणों ने तुरंत बच्चे को दूध पिलाया और गर्म कपड़े में लपेटकर उसका ध्यान रखा।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि माता-पिता की पहचान की जा सके।

पुलिस अस्पतालों और दवा दुकानों में भी पूछताछ कर रही है, यह जानने के लिए कि क्या हाल ही में किसी महिला ने डिलीवरी करवाई है।

गांववालों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। वे निर्दयी माता-पिता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर वे बच्चे का पालन-पोषण करने में असमर्थ थे, तो उसे अनाथालय या किसी जरूरतमंद को सौंप सकते थे।

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 317 के तहत, बच्चे को लावारिस छोड़ने पर माता-पिता को सात साल तक की सजा या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।

यह घटना समाज में व्याप्त समस्याओं को उजागर करती है। सरकार और समाज दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए काम करना होगा।

अनाथ बच्चों के लिए और अधिक शेल्टर होम खोले जाने चाहिए। लिंग भेदभाव और अवैध गर्भपात को खत्म करने के लिए सख्त कानून लागू किए जाएं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सरकारी सहायता दी जाए।

इस घटना पर आपकी क्या राय है? सरकार को इस मामले में क्या करना चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. अंबेडकरनगर में नवजात शिशु को किसने फेंका? पुलिस अभी जांच कर रही है और माता-पिता की पहचान नहीं हो सकी है।

Q2. बच्चे को किसने बचाया और कहां रखा गया? गांव के एक व्यक्ति, शंकर चौरसिया ने उसे अपने घर में रखा और उसकी देखभाल कर रहे हैं।

Q3. इस घटना पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की है? पुलिस आसपास के CCTV कैमरे चेक कर रही है और अस्पतालों में पूछताछ कर रही है।

Q4. बच्चे को फेंकने पर क्या सजा हो सकती है? IPC धारा 317 के तहत 7 साल की सजा या जुर्माना हो सकता है।

Q5. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार क्या कर सकती है? अनाथ बच्चों के लिए शेल्टर होम बनाना, लिंग भेदभाव खत्म करना और माता-पिता को आर्थिक सहायता देना जरूरी है।

अगर यह खबर आपको जागरूक लगती है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और समाज को बदलने में मदद करें!

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