मोटापा विरोधी अभियान: देवड़ा ने PM की तारीफ की, US का उदाहरण दे बताया क्यों जरूरी है मोटापा रोकना
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शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने राज्यसभा में अपने भाषण में मोटापा विरोधी अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि मोटापा सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि एक बड़ा आर्थिक संकट भी है.

अमेरिका में 42% वयस्क और 20% बच्चे मोटे हैं. सिर्फ दो दशक में 30% की वृद्धि हुई है. अमेरिका में मोटापा संबंधी बीमारियों के चलते 1.4 ट्रिलियन डॉलर हर साल खर्च होते हैं, जो उसके जीडीपी का 7 फीसदी है. अमेरिका में तीन में से एक मौत मोटापा संबंधी बीमारी के चलते होती है. यह भारत के लिए एक सीधा संदेश है कि हमें मोटापा पर अभी काम करना होगा.

देवड़ा ने प्राइमरी हेल्थ सर्वे डेटा का हवाला देते हुए कहा कि भारत में 5 साल में पुरुषों में मोटापा 19% से बढ़कर 23% हो गया है, जबकि महिलाओं में 21% से बढ़कर 24% हो गया है. ग्रामीण इलाकों में 5 साल से कम उम्र का 3 में से 1 बच्चा कुपोषण का शिकार है, वहीं शहरों में बच्चों में मोटापा की परेशानी है. पिछले 10 साल में अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या में 60% की वृद्धि हुई है.

अनुमान है कि 2030 तक भारत में मोटापा से जुड़ी बीमारियों पर होने वाला खर्च जीडीपी के 1.6 फीसदी तक पहुंच सकता है, जो सालाना 7 लाख करोड़ रुपए हो सकता है. देवड़ा ने जोर देकर कहा कि मोटापा सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि एक गंभीर आर्थिक चुनौती है. अगर इसे रोका नहीं गया तो इलाज पर खर्च बढ़ने और उत्पादकता घटने से लंबे समय में भारत की उन्नति पर असर पड़ सकता है.

मोटापे को रोकने का सबसे कारगर तरीका है स्वस्थ जीवनशैली अपनाना. सक्रिय रहना चाहिए, स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए. सॉफ्ट ड्रिंक से दूरी बनाकर रखनी चाहिए. मोटापा अक्सर कई रिस्क फैक्टर के जुड़ने से होता है, जिसमें आनुवंशिकी, खराब भोजन, सक्रिय नहीं रहना, और सेहतमंद भोजन तक पहुंच की कमी शामिल है. मोटापे की रोकथाम बचपन में ही शुरू हो जानी चाहिए.

बच्चों में मोटापा रोकने के लिए स्वस्थ खाने को बढ़ावा दें, बच्चों को जंक फूड से दूर रखें. आलू के चिप्स जैसे प्रोसेस्ड स्नैक्स की जगह बेक्ड दालचीनी सेब के क्रिस्प जैसे हेल्दी स्नैक्स दें. सॉफ्ट ड्रिंक्स नहीं दें. बच्चों को खेलने दें और उन्हें स्कूल के बाद खेलने या साइकिल चलाने दें. 6 से 17 साल की उम्र के बच्चों को रोज 60 मिनट शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए. यह ध्यान रखें कि बच्चे पर्याप्त नींद लें, क्योंकि नींद पूरी नहीं होने से मोटापा, टाइप 2 डायबिटिज और अन्य बीमारियां होने का जोखिम अधिक होता है. बचपन में बहुत अधिक टीवी या मोबाइल फोन देखने से मोटापे का जोखिम होता है. जब भी संभव हो बच्चों को शारीरिक गतिविधि वाले काम करने दें और सोने से कम से कम एक घंटा पहले स्क्रीन बंद कर देना चाहिए.

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