सुनीता विलियम्स की घर वापसी: हम साथ में छुट्टियां मनाएंगे , बहन ने बताया कब आएंगी भारत! पैतृक गांव में जश्न
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भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स आज सुबह सुरक्षित धरती पर लौट आईं। नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर रहने के बाद उनकी सुरक्षित लैंडिंग से गुजरात में उनके पैतृक गांव के लोग बेहद खुश हैं।

सुनीता की चचेरी बहन फाल्गुनी पंड्या ने उनकी वापसी को एक अविस्मरणीय क्षण बताया। सुनीता और उनके सहयोगी बुच विल्मोर स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से फ्लोरिडा के तट पर सफलतापूर्वक उतरे।

फल्गुनी पंड्या ने कहा, हमें बहुत खुशी है कि वह सुरक्षित लौट आई हैं। अब हम साथ में छुट्टियां मनाने और परिवार के साथ समय बिताने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि सुनीता विलियम्स जल्द ही भारत आएंगी, हालांकि अभी कोई तारीख तय नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता विलियम्स को पत्र लिखकर शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारत उनके दौरे का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उन्होंने अपने पत्र में सुनीता की उपलब्धियों पर 1.4 अरब भारतीयों के गर्व को व्यक्त किया। मोदी ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि जब वे अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन से मिले थे, तब उन्होंने सुनीता विलियम्स का हालचाल पूछा था।

प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में सुनीता की मां बोनी पंड्या और उनके दिवंगत पिता दीपक पंड्या को भी याद किया।

सुनीता विलियम्स की यह सफल वापसी भारत और दुनिया भर के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक है। सभी की निगाहें अब उनकी आगामी भारत यात्रा पर टिकी हैं।

मेहसाणा का झूलासन सुनीता विलियम्स का पैतृक गांव है। उनके चचेरे भाई ने इस सवाल पर कि क्या सुनीता दोबारा अंतरिक्ष में जाएंगी या मंगल ग्रह पर उतरने वाली पहली व्यक्ति बनेंगी, कहा कि यह उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा । उन्होंने कहा, वह हम सभी के लिए आदर्श हैं।

मेहसाणा जिले के झूलासन गांव के निवासी उत्साह से भरे हुए हैं। यह गांव विलियम्स के पिता दीपक पंड्या का पैतृक गांव है, जो 1957 में अमेरिका चले गए थे।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून, 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के पहले मानवयुक्त मिशन के तहत अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गए थे। तकनीकी समस्याओं के कारण स्टारलाइनर वापसी के लिए अनुपयुक्त पाया गया, जिसके चलते दोनों अंतरिक्ष यात्री आईएसएस में ही फंस गए। बाद में नासा ने स्पेसएक्स-नासा क्रू-9 मिशन में बदलाव करते हुए उन्हें विशेष उड़ान से वापस लाने का फैसला किया। क्रू-10 टीम हाल ही में आईएसएस पहुंची और उनकी वापसी का रास्ता साफ हो गया।

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