लगभग नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद सुनीता विलियम्स धरती पर वापस लौट आई हैं, जिसके बाद से लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर नासा के अंतरिक्ष यात्री कैसे चुने जाते हैं और इसके लिए क्या योग्यताएं हैं।
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 महीने तक फंसी रहने के बाद, सुनीता विलियम्स मुस्कुराहट के साथ धरती पर वापस आ गई हैं। 19 मार्च को पैराशूट के साथ चारों यात्रियों को ला रहा ड्रैगन कैप्सूल समंदर में लैंड कर गया। सुनीता विलियम्स की धरती पर सुरक्षित वापसी एक ऐतिहासिक पल है जो नासा और स्पेसएक्स की टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है।
अगर आप भी सुनीता विलियम्स जैसा एस्ट्रोनॉट बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कड़ी मेहनत, पढ़ाई और ढेर सारा जुनून चाहिए। आपका भी सपना एस्ट्रोनॉट बनकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक और उससे आगे चांद और मंगल तक जाना है, तो उसके लिए आपको स्कूल में मैथ्स और फिजिक्स पर सबसे अधिक फोकस करना होगा। इन विषयों पर आपकी मजबूत पकड़ होनी चाहिए।
इसके बाद आपको इंजीनियरिंग, साइंस या मैथ्स में बैचलर डिग्री लेनी होगी, खासकर एयरोस्पेस में। सुनीता विलियम्स की बात करें तो उन्होंने फिजिकल साइंस में बैचलर और फिर इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर किया है। हालांकि, साइंस या टेक्नोलॉजी में मास्टर्स या पीएचडी करना सबसे बेहतर है। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद आपको पायलट बनने की ट्रेनिंग लेनी चाहिए या टेक्निकल फील्ड में काम करना चाहिए।
अंतरिक्ष में शरीर को काफी मुश्किल हालत का सामना करना पड़ता है। ग्रैविटी नहीं होने के कारण शरीर पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है, जिसे हर कोई नहीं झेल सकता है। इसके लिए रोज एक्सरसाइज करना जैसे कि दौड़ना या स्विमिंग जरूरी है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA में एस्ट्रोनॉट बनने के लिए सबसे पहले आपके पास अमेरिकी नागरिकता होनी चाहिए। हालांकि भारत में ISRO से आप जुड़ सकते है। इसके अलावा आपके पास कम से कम 2 साल प्रोफेशनल एक्सपीरियंस और 1,000 घंटे जेट एयरक्राफ्ट उड़ाने का तजुर्बा होना चाहिए।
नासा सेलेक्शन प्रोसेस काफी कठिन है। लिखित टेस्ट, इंटरव्यू, मेडिकल चेकअप और ट्रेनिंग के बाद ही आपका सिलेक्शन होता है। एस्ट्रोनॉट बनने के लिए आपके पास प्रॉब्लम सॉल्विंग, टीम वर्क और लीडरशिप जैसी स्किल होनी चाहिए। इसके अलावा आप कैसे जीरों ग्रैविटी में रह सकते हैं इसकी ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है।
भारतीय युवा इसरो के स्पेस प्रोग्राम में इंजीनियर या साइंटिस्ट बनकर करियर की शुरुआत कर सकते हैं। आपको साइंस/इंजीनियरिंग की डिग्री चाहिए और फिजिकल फिटनेस जरूरी है।
#WATCH अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 9 महीने तक फंसी रहने के बाद, सुनीता विलियम्स मुस्कुराहट के साथ धरती पर वापस आ गई हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2025
(Source-NASA TV via Reuters) pic.twitter.com/N37Q3jQFvU
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