ट्रूडो गए, कनाडा में भारतीयों का दबदबा! नई सरकार में मिले अहम पद, क्या खालिस्तानियों की अब खैर नहीं?
News Image

कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विदा होते ही सत्ता परिवर्तन हुआ और मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री पद संभाला। इस बदलाव के साथ ही भारतीय मूल के दो नेताओं - अनीता आनंद और दिल्ली में जन्मी कमल खेड़ा - को नई कैबिनेट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली हैं।

58 वर्षीय अनीता आनंद को नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। वहीं, 36 वर्षीय कमल खेड़ा, जो कनाडाई संसद में चुनी जाने वाली सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक हैं, को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। दोनों ही नेता पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुकी हैं, हालांकि तब उन्हें अलग-अलग विभाग दिए गए थे।

मार्क कार्नी, जो लिबरल पार्टी के सदस्य और केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर हैं, ने गवर्नर जनरल मैरी साइमन की उपस्थिति में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उसी समारोह में 30वें कनाडाई मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली।

शपथ ग्रहण के बाद कार्नी ने सोशल मीडिया पर लिखा, कनाडा, अपने नए मंत्रिमंडल से मिलिए। हमने एक छोटी, केंद्रित और अनुभवी टीम बनाई है, जो इस समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।

कमल खेड़ा का जन्म दिल्ली में हुआ था और वह बचपन में ही अपने परिवार के साथ कनाडा चली गईं थीं। उन्होंने टोरंटो की यॉर्क यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की है। उनका राजनीतिक सफर 2015 में ब्रैम्पटन वेस्ट की प्रतिनिधि के तौर पर संसद पहुंचने के साथ शुरू हुआ। इससे पहले, वह रजिस्टर्ड नर्स के तौर पर काम कर चुकी हैं और कैंसर के इलाज में विशेषज्ञता रखती हैं।

वहीं, अनीता आनंद 2019 में ओकविले से सांसद चुनी गईं थीं। उन्होंने ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष, रक्षा मंत्री और लोक सेवा मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्हें शिक्षा, कानून और शोध का भी गहरा अनुभव है। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रह चुकी हैं।

अनीता आनंद ने कहा, मार्क कार्नी की सरकार में इनोवेशन, साइंस और आर्थिक विकास मंत्री के तौर पर शपथ लेने पर मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं। हम जानते हैं कि नकारात्मकता से कुछ नहीं होगा... हम एकजुट और मजबूत हैं, और हम कल के कनाडा और कनाडा की अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए तुरंत काम करना शुरू कर देंगे।

कार्नी के मंत्रिमंडल में 13 पुरुष और 11 महिलाएं हैं, जो ट्रूडो के 37 सदस्यीय मंत्रिमंडल से छोटा है। भारतीय मूल के नेताओं को मिली यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कनाडा में भारतवंशियों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है। अब देखना यह है कि यह नई सरकार भारत-कनाडा संबंधों और खालिस्तान मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

वायरल वीडियो: कौवे का अनोखा जुगाड़, हैंगर जमा करने का रहस्य!

Story 1

नेपाली छात्र के भाषण ने मचाया तहलका, लोग करने लगे हिटलर से तुलना

Story 1

दबंग अंदाज में लखनऊ सुपर जायंट्स से जुड़े निकोलस पूरन!

Story 1

जंगल में बाइक सवार के सामने दो शेर, मची अफरा-तफरी!

Story 1

ISS पर नए मेहमानों से सुनीता विलियम्स हुईं खुश, जोरदार स्वागत

Story 1

मछली की तरह तैरे और गले लगे, सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष से खुशी भरा वीडियो!

Story 1

अहमदाबाद में बदमाशों पर पुलिस का कहर! आतंक की मिली ऐसी सजा कि VIDEO देख आएगा खौफ

Story 1

पलटू चाचा कहां हैं? स्कूटी पर निकले तेज प्रताप ने नीतीश कुमार के घर के बाहर लगाई आवाज

Story 1

जो करेगा जात की बात, उसको मारूंगा कस के लात : गडकरी का विवादास्पद बयान

Story 1

पवन नेगी ने पकड़ा लारा का हैरतअंगेज कैच, विनय कुमार ने दिलाई अहम सफलता!