मऊगंज जिले के गड़रा गांव में रविवार को आदिवासियों के एक परिवार द्वारा एक युवक को बंधक बनाकर पीटने और बाद में पुलिस टीम पर हुए हमले से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इस हमले में एक सहायक उप निरीक्षक (ASI) की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि थाना प्रभारी और तहसीलदार सहित 10 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए, एक महिला एसडीओपी (SDOP) और एक महिला एसआई (SI) ने खुद को एक कमरे में बंद कर अपनी जान बचाई। बाद में, भारी पुलिस बल के पहुंचने पर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया।
सूत्रों के अनुसार, शाहपुर थाना क्षेत्र की एसडीओपी अंकिता शूल्या और एसआई आरती वर्मा ने घटना के दौरान स्थिति की गंभीरता को समझा। उन्होंने तत्काल एक कमरे में खुद को बंद कर लिया और अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया। पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की और फिर कमरे में बंद महिला अफसरों को सुरक्षित निकाला। पुलिस ने युवक सनी द्विवेदी का शव भी बरामद किया।
हमले में एसएएफ (SAF) के एएसआई रामगोविंद गौतम की इलाज के दौरान मौत हो गई। वे 25वीं बटालियन, भोपाल में पदस्थ थे और सतना जिले के पवैया गांव के निवासी थे। वे आठ महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे। घायल शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती, हनुमना तहसीलदार कुमारे लाल पनका, एएसआई जवाहर सिंह यादव, राम केवट, और राम लखन मिश्रा को गंभीर हालत में रीवा रेफर किया गया है। विकास पांडेय, प्रीति यादव, रामवचन यादव, देववती सिंह और एएसआई बृहस्पति पटेल को मऊगंज के सिविल अस्पताल और आशीर्वाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना लंबे समय से चल रहे जमीन विवाद का परिणाम है। गांव में रहने वाले रजनीश द्विवेदी की जमीन पर अशोक कोल नामक एक आदिवासी काम करता था। कुछ समय पहले अशोक ने उसी जमीन से सटी हुई भूमि खरीद ली थी, जो द्विवेदी परिवार को नागवार गुजरी। लगभग दो महीने पहले अशोक हनुमना से जमीन की रजिस्ट्री करवाकर लौट रहा था, तभी एक बाइक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई। अशोक के परिवार वालों ने इसे सड़क हादसा मानने से इनकार कर दिया और सनी द्विवेदी व उनके परिवार पर हत्या का आरोप लगाया।
पुलिस ने जांच के बाद रिपोर्ट दी थी कि अशोक की बाइक भैंस से टकराने से दुर्घटना हुई थी, जिससे उसकी मौत हुई। हालांकि, अशोक के परिवार वाले इसे हत्या मान रहे थे और लगातार द्विवेदी परिवार से रंजिश रखते थे।
घटना के बाद गड़रा गांव में धारा 144 लागू कर दी गई है। मऊगंज पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर के अनुसार, स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया है और हमले में शामिल आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जा रही है। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात है।
मऊगंज पुलिस ने मामले में हत्या, हत्या के प्रयास और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। एसपी रसना ठाकुर ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद आसपास के नक्सल प्रभावित इलाकों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि किसी भी साजिश या अन्य घटना से निपटने के लिए अतिरिक्त बल अलर्ट पर है। यह घटना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, जहां पुलिस बचाव के लिए पहुंची थी, वहीं उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया। फिलहाल, प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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— IBC24 News (@IBC24News) March 16, 2025
▶️लाठी-डंडों और पत्थरों से पुलिस कर्मियों पर ग्रामीणों ने किया हमला |
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