एक हिंदू महिला ने चार साल पहले इस्लाम धर्म अपनाया, और अब वह कहती है कि उसे वह सम्मान और समानता इस्लाम में मिला, जो उसे हिंदू धर्म में कभी नहीं मिला।
संध्या नाम की इस महिला ने 18 साल तक मुसलमानों के प्रति नफरत के भाव रखे। लेकिन इस्लाम के बारे में जानने और मुसलमानों से मिलने-जुलने के बाद उनकी सोच बदल गई। उन्होंने पाया कि इस्लाम वह नहीं है जो उन्हें बताया गया था, बल्कि एक दयालु और शांतिपूर्ण धर्म है।
इस्लाम अपनाने के बाद संध्या ने शादी की। वह अपने पति के साथ खुशी-खुशी रहती हैं और उन्हें शादी में बहुत प्यार और सम्मान मिला है। वह कहती हैं कि इस्लाम में उन्हें वह सुकून मिला है जिसकी उन्हें तलाश थी।
संध्या के धर्म परिवर्तन पर उनके परिवार और समाज के कुछ लोगों ने सवाल उठाए। लेकिन उन्होंने अपने फैसले पर भरोसा रखा और कहा कि इस्लाम को नफरत से नहीं, बल्कि उसके मूल्यों से समझना चाहिए।
संध्या का सफर इस बात का उदाहरण है कि धर्म एक व्यक्तिगत निर्णय है, जिसे समझदारी और अनुभव के आधार पर लिया जाना चाहिए। उनका कहना है कि इस्लाम ने उन्हें वह पहचान और सुकून दिया जिसकी उन्हें तलाश थी।
यह संभाल की रहने वाली यह संध्या बहन ,,
— 🦋عافیہ انجم🦋 (@AfiaAnjums) May 4, 2024
जबकि हिन्दू समाज से बिलौंग रखतीं थीं,,
जिन्होंने 4 साल पहले इस्लाम कबूल किया
संध्या का कहना है जो इज्जत सामान इसलाम धर्म में मिले वो मिझे हिन्दू धर्म में नहीं मिली।#IslamIsBestReligion in world 🌎 pic.twitter.com/AR3xGJbmdD
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