यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीला कचरा हटाया गया
भोपाल गैस त्रासदी के चालीस साल बाद बुधवार रात को यूनियन कार्बाइड कारखाने से करीब 377 टन जहरीला अपशिष्ट निपटान के लिए ले जाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि जहरीले अपशिष्ट को 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में भोपाल से 250 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ले जाया जा रहा है।
ट्रकों को मिली ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के निदेशक स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, कचरा ले जाने वाले 12 कंटेनर ट्रक रात करीब नौ बजे बिना रुके सफर पर निकल पड़े। वाहनों के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है, जिसके सात घंटे में धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में पहुंचने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य जांच कर हुई कचरा लोडिंग
उन्होंने कहा कि करीब 100 लोगों ने कचरे को पैक करने और ट्रकों में लादने के लिए 30 मिनट की पाली में काम किया। ये लोग रविवार से इस काम में जुटे हुए थे। उन्होंने कहा, उनकी स्वास्थ्य जांच की गई और हर 30 मिनट में उन्हें आराम दिया गया।
पहले भोपाल गैस कांड में हुई थी जानमाल का नुकसान
दो और तीन दिसंबर, 1984 की दरमियानी को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था, जिसमें कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।
हाई कोर्ट के निर्देश पर निकाला गया कचरा
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने हाल में राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड को खाली न करने के लिए अधिकारियों के प्रति नाखुशी जाहिर की थी और कहा था कि यह उदासीनता एक और त्रासदी का कारण बन सकती है। सिंह ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक पाया जाता है, तो कचरे को तीन महीने के भीतर जला दिया जाएगा। अन्यथा इसमें नौ महीने तक का समय लग सकता है।
पीथमपुर में जलाया जाएगा कचरा
स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि शुरुआत में कुछ अपशिष्ट को पीथमपुर की अपशिष्ट निपटान इकाई में जलाया जाएगा और अवशेष (राख) की जांच की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि उसमें कोई हानिकारक तत्व बचा है या नहीं। उन्होंने कहा कि एक बार जब यह पुष्टि हो जाती है कि विषाक्त तत्वों का कोई निशान नहीं बचा है तो राख को दो-परत की झिल्ली से ढक दिया जाएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए इसे दबा दिया जाएगा कि यह किसी भी तरह से मिट्टी और पानी के संपर्क में न आए।
पीथमपुर में कचरा जलाने का विरोध
कचरे को पीथमपुर में जलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है। ज्ञापन भी कई बार दिए जा चुके है। यहां के कई लोग दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस भी प्रदर्शन कर चुकी है। कचरा जलाने के विरोध में 10 से ज्यादा संगठनों ने 3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान किया है।
*#WATCH | Madhya Pradesh: The toxic waste from Bhopal s Union Carbide Factory is being taken away in containers to Pithampur, to be discarded. pic.twitter.com/7yB8CCWdxC
— ANI (@ANI) January 1, 2025
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