रवि किशन नहीं, छपरा के लोग मायने रखते हैं : खेसारी लाल यादव
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में खेसारी लाल यादव की एंट्री से चुनावी माहौल गरमा गया है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। उन्हें सिक्कों से तौला जा रहा है और दूध से नहलाया जा रहा है।

भोजपुरी सितारों पवन सिंह और अक्षरा सिंह के बाद, खेसारी लाल यादव को चुनाव लड़ने का मौका मिला है। पहले उनकी पत्नी चंदा देवी चुनाव लड़ने वाली थीं, लेकिन नामांकन में कुछ कमी के कारण खेसारी लाल को मैदान में उतरना पड़ा।

अब खेसारी लाल नेता के रूप में नजर आ रहे हैं। महंगे जींस और टी-शर्ट की जगह, वह सफेद कुर्ता और लालटेन वाले हरे पटके में दिख रहे हैं।

इंडिया टीवी से बातचीत में खेसारी ने कहा कि फिल्म और राजनीति दोनों ही मुश्किल काम हैं, लेकिन मुश्किल काम ही इंसान को बेहतर बनाता है।

रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर बिहार में रोजगार होगा तो लोग अपने परिवार के साथ रह सकेंगे और छठ पर ट्रेनों की जरूरत नहीं होगी।

रवि किशन के साथ नाराजगी के सवाल पर खेसारी ने कहा कि वह उनके बड़े भाई हैं और नाराजगी का सवाल ही नहीं है। रवि किशन के आरोपों पर कि खेसारी ने भोजपुरी को बर्बाद कर दिया, खेसारी ने कहा कि रवि किशन ने ही रास्ता दिखाया था और उन्होंने शुरुआत की थी।

खेसारी ने साफ कहा कि अब उनके लिए रवि किशन या भाजपा का कोई नेता नहीं, बल्कि बिहार की जनता और छपरा का विकास मायने रखता है।

छपरा में खेसारी का मुकाबला बीजेपी की छोटी कुमारी और जनसुराज के जय प्रकाश सिंह से है। खेसारी का दावा है कि वह छपरा में लालटेन जलाएंगे, लेकिन छपरा बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है।

बिहार के चुनाव में जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छपरा में राजपूत, यादव, मुस्लिम और बनिया समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। पवन सिंह के विरोध में बोलने के कारण खेसारी को राजपूत वोटों का नुकसान हो सकता है।

खेसारी लाल यादव का असली नाम शत्रुघ्न यादव है और उन्हें यह नाम एक प्रसिद्ध ढोलक वादक ने दिया था। उन्होंने 100 फिल्मों में काम किया है और 5000 से ज्यादा गाने गाए हैं।

बचपन में गाय चराने और दूध बेचने के बाद, खेसारी ने दिल्ली में लिट्ठी चोखा भी बेचा। रामलीला मंडली और लोकगीत गाते-गाते वह भोजपुरी के सुपरस्टार बने।

खेसारी लाल यादव के यूट्यूब पेज को 1.1 करोड़ लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं, जबकि इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। नामांकन के दौरान, उनका नॉमिनेशन फॉर्म सबसे ज्यादा डाउनलोड किया गया था।

चुनावी हलफनामे के अनुसार, खेसारी लाल यादव के पास 16.89 करोड़ की चल संपत्ति और 7.91 करोड़ की अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी के पास भी अच्छी खासी संपत्ति है।

खेसारी ने अपनी मेहनत और किस्मत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। अब देखना यह है कि राजनीति में उनकी किस्मत कितना साथ देती है। इसका फैसला 14 नवंबर को होगा।

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