8 किलो विस्फोटक बरामद! मन की बात में पीएम मोदी ने किन कुत्तों का किया ज़िक्र
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से वंदे मातरम् के 150वें वर्ष को यादगार बनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रगीत भारत की जीवंत और शानदार छवि को दर्शाता है और नागरिकों को इसके मूल्यों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का आह्वान किया.

बीएसएफ और सीआरपीएफ में देसी कुत्तों को रखने की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे स्वदेशी कुत्तों ने अद्भुत साहस का परिचय दिया है. पिछले साल, छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गश्त के दौरान सीआरपीएफ के एक स्वदेशी कुत्ते ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाया था.

बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित और रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1896 में पहली बार गाए गए राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् को 150 साल हो गए हैं. इस मौके पर अपनी मासिक मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में इससे जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

वंदे मातरम् भारत का राष्ट्रीय गीत है, जिसे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1870 के दशक में लिखा था. यह उनके उपन्यास आनंदमठ (1882) में प्रकाशित हुआ. यह गीत संस्कृत और बंगाली के मिश्रण में लिखा गया है और मातृभूमि भारत को एक देवी के रूप में चित्रित करता है, जिसकी वंदना की जाती है. 24 जनवरी 1950 को भारत के संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया था.

नरेंद्र मोदी ने अर्धसैनिक बलों BSF और CRPF की भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपनी इकाइयों में शामिल करने की पहल की सराहना की. उन्होंने याद दिलाया कि एक मुधोल हाउंड ने विदेशी नस्लों के कुत्तों को पीछे छोड़ते हुए एक प्रतियोगिता में प्रशंसा अर्जित की थी. कुछ चयनित भारतीय नस्ल के कुत्ते 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर एकता नगर, गुजरात में आयोजित परेड में हिस्सा लेंगे.

अपनी 30 मिनट की मन की बात में प्रधानमंत्री ने देश के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकों द्वारा की गई कई अनूठी पहलों का ज़िक्र किया. इनमें गुजरात में मैंग्रोव वनों का पुनरुद्धार, छत्तीसगढ़ में कचरा कैफे की स्थापना और बेंगलुरु में झीलों के पुनरुद्धार के प्रयास शामिल थे.

पीएम ने सांस्कृतिक और आर्थिक पहलों को बढ़ावा देने की प्रशंसा की. उन्होंने ओडिशा के कोरापुट में कॉफी की खेती के प्रयासों की भी सराहना की, जिससे क्षेत्र के लोगों को लाभ हो रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भारतीय कॉफी बहुत लोकप्रिय हो रही है. संस्कृति और सोशल मीडिया की दुनिया ने संस्कृत को एक नया जीवन दिया है, और कई युवा रील्स के माध्यम से इस भाषा में बात कर रहे हैं और इसके बारे में जागरूकता फैला रहे हैं. उन्होंने युवा कंटेंट क्रिएटर और क्रिकेटर भाई यश सालुंके का उदाहरण दिया, जिनकी संस्कृत में बोलते हुए क्रिकेट खेलने की रील काफी लोकप्रिय हुई है.

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