भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का जोरदार खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि LIC ने सरकारी दबाव में अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया।
LIC ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसके सभी निवेश निर्णय स्वतंत्र, पारदर्शी और विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद लिए गए हैं।
द वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने एलआईसी पर अडानी समूह में निवेश करने के लिए दबाव डाला। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि उस समय अडानी समूह भारी कर्ज में डूबा हुआ था और अमेरिकी एजेंसियां उसकी वित्तीय गतिविधियों की जांच कर रही थीं।
LIC ने इस रिपोर्ट को झूठा, भ्रामक और भारत के वित्तीय तंत्र की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला बताया। कंपनी ने कहा कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग या किसी अन्य सरकारी संस्था की उसके निवेश निर्णयों में कोई भूमिका नहीं है।
LIC ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने ड्यू डिलिजेंस यानी जांच-पड़ताल के उच्चतम मानकों का पालन किया है और हर निवेश निर्णय मौजूदा नीतियों, अधिनियमों और नियामक दिशानिर्देशों के अनुरूप लिया गया है।
कंपनी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में उसकी निवेश रणनीति बेहद मजबूत रही है। भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में उसका निवेश मूल्य 2014 के ₹1.56 लाख करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹15.6 लाख करोड़ हो गया है।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार और LIC दोनों पर हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अडानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए LIC और उसके 30 करोड़ पॉलिसीधारकों की बचत का व्यवस्थित दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने संसद की लोक लेखा समिति (PAC) से इसकी जांच कराने की मांग की है।
हालांकि, अभी तक सरकार या अडानी समूह की ओर से कांग्रेस के इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
LIC का यह बयान न केवल वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का जवाब है, बल्कि यह भारत के सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों में पारदर्शिता और स्वायत्तता के मुद्दे को भी उठाता है। यह देखने वाली बात होगी कि क्या पीएसी इस मामले की जांच शुरू करती है और सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC): वाशिंगटन पोस्ट द्वारा लगाए गए आरोप कि LIC के निवेश निर्णय बाहरी कारकों से प्रभावित होते हैं, झूठे, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर हैं। लेख में बताए गए ऐसे किसी भी दस्तावेज़ या योजना को LIC ने कभी तैयार नहीं किया है, जो LIC द्वारा अडानी समूह की… pic.twitter.com/XodI1NE4px
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2025
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