दिल्ली में कांग्रेस नेता उदित राज ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय के अधिकारियों ने उनके आवास पर आकर, घर का सारा सामान बाहर फेंक दिया।
उदित राज के अनुसार, उनका घर C1/38, पंडारा पार्क, नई दिल्ली-3 उनकी पत्नी सीमा राज के नाम पर आवंटित है। उन्होंने लिखा कि अधिकारियों का कहना है कि वे उन्हें जल्द ही बेदखल कर देंगे। उदित राज ने यह भी कहा कि उनकी पत्नी सेवानिवृत्त हैं और उनका लंबे समय तक यहां रहने का कोई इरादा नहीं है, इसलिए वे एक निजी आवास की तलाश में हैं।
कांग्रेस नेता ने बताया कि उनके ससुर लंबी बीमारी से जूझ रहे थे और उनका निधन हो गया, जिसके कारण उन्हें अपने आवास पर कुछ समय अधिक रुकने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे नवंबर के अंत तक अपने घर में शिफ्ट हो जाएंगे।
उदित राज ने आरोप लगाया कि संपदा निदेशालय जानबूझकर उन्हें परेशान कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस आवास का किराया काफी ज्यादा है और वे मजबूरी में यहां रह रहे हैं। उनके अनुसार, अधिकारियों ने उन्हें मंत्रालय में निदेशक/संयुक्त सचिव से बात करने की सलाह दी, लेकिन संपर्क करने की कोशिश करने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ।
उदित राज ने बताया कि उनकी पत्नी ने मंत्रालय को उनके प्रवास को कुछ समय के लिए बढ़ाने के लिए पत्र लिखा है। इसके बाद, उनकी पत्नी पटियाला हाउस कोर्ट गईं, जहां जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने उनकी अपील स्वीकार कर ली और निदेशालय को नोटिस जारी कर दिया। इस मामले को 28 अक्टूबर 2025 को सूचीबद्ध किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद, संपदा निदेशालय जानबूझकर छुट्टियों के दौरान उन्हें बेदखल करने का प्रयास कर रहा है, ताकि उन्हें कोई राहत न मिल सके।
उदित राज ने इस मुद्दे को जातिवाद से जोड़ते हुए कहा कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें बेतुके बहाने बनाकर आलीशान बंगलों में रहने की अनुमति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि उन्होंने मंत्री मनोहर लाल खट्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
उदित राज ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की चुनिंदा कार्रवाई और एक विपक्षी नेता को निशाना बनाना, जो निचली जाति से ताल्लुक रखता है और दलितों पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाता है, मौजूदा सरकार में उच्च जाति वर्चस्व वाले वर्ग के नापाक इरादों को दर्शाता है।
उदित राज ने सवाल उठाया है कि इस मामले में इतनी जल्दी जबरन बेदखली क्यों की जा रही है, जबकि वे स्वयं घर जल्द खाली करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने पूछा कि यही पैमाना उन तथाकथित ऊंची जातियों के लोगों पर क्यों नहीं लागू किया जा रहा, जो उनसे भी बड़े घरों में रह रहे हैं।
उदित राज ने जोर देकर कहा कि सामाजिक न्याय की अपनी लड़ाई में वे एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे और यह मामला सिर्फ उनके व्यक्तिगत अधिकारों तक सीमित नहीं है, बल्कि समानता और पारदर्शिता के व्यापक सिद्धांत से जुड़ा है।
*मेरे घर के सामान को सड़क पर फेंका जा रहा है । pic.twitter.com/fVXk0iCiqW
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) October 24, 2025
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