सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चांदनी चौक में सीलिंग, AAP ने भाजपा पर साधा निशाना
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दिल्ली के चांदनी चौक के कटरा नील इलाके में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) ने गुरुवार को कई दुकानों को सील कर दिया।

चांदनी चौक व्यापारी संघ के संजय भार्गव के अनुसार MCD ने लगभग आठ दुकानें सील की हैं, जबकि 750 दुकानों को अदालती सुनवाई में सूचीबद्ध किया गया है।

चांदनी चौक नागरिक मंच के महासचिव प्रवीण शंकर कपूर ने बताया कि कटरा नील के एक निवासी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद अदालत के निर्देश पर MCD ने यह कार्रवाई की।

कपूर का कहना है कि यदि व्यापारी समय पर अदालत जाते तो उन्हें कानूनी राहत मिल सकती थी, क्योंकि यह सीलिंग MCD ने अपनी पहल पर नहीं की है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के अंतर्गत कटरा नील का अधिकांश हिस्सा व्यवसायिक है और प्रस्तावित मास्टर प्लान 2041 में पूरे क्षेत्र को 100 प्रतिशत कमर्शियल दिखाया गया है। व्यापार संघ इन तथ्यों को सक्षम कानूनी प्रतिनिधित्व के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के सामने प्रस्तुत करने में विफल रहे।

कपूर ने कहा कि MCD और शहरी क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा दिए गए अवसरों के बावजूद, संबंधित व्यापार संघों ने राहत पाने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए। सक्षम वकील नियुक्त करने में लापरवाही की कीमत व्यापारियों को चुकानी पड़ रही है।

इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, भाजपा आई, सीलिंग लाई... व्यापारी और दुकानदार हो जाएं तैयार क्योंकि अब ऊपर से नीचे तक भाजपा आ गई है। अब फिर से दुकानों की सीलिंग का दौर शुरू हो गया है। आज MCD द्वारा चांदनी चौक में करीब 20 दुकानें सील कर दी गईं। क्या भाजपा की MCD और दिल्ली सरकार को नहीं पता कि यह कमर्शियल एरिया है? क्या MCD कोर्ट को गुमराह करके सीलिंग करवा रही है? कुछ साल पहले जब भाजपा MCD में थी तब भी हजारों लोगों की रोजी रोटी छीन ली गई थी।

यह मामला कटरा नील के निवासियों द्वारा अवैध व्यावसायिक निर्माण और आवासीय संपत्तियों के दुरुपयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एक कानूनी चुनौती से जुड़ा है। अदालत ने आदेश दिया था कि MCD के अपीलीय न्यायाधिकरण या दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा इन अवैध संपत्तियों की सीलिंग को रोकने वाले सभी स्थगन आदेश 31 दिसंबर के बाद निष्प्रभावी हो जाएंगे।

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