पेट्रोल पंप थप्पड़कांड: FIR कराने वाली महिला निकली SDM की फर्जी पत्नी!
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भीलवाड़ा, राजस्थान में एसडीएम छोटूलाल शर्मा द्वारा पेट्रोल पंप कर्मचारी को थप्पड़ मारने का मामला अब एक नया मोड़ ले चुका है। रिपोर्टों के अनुसार, FIR दर्ज कराने वाली महिला दीपिका व्यास एसडीएम की कानूनी पत्नी नहीं हैं। इस खुलासे के बाद राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।

इस घटना के बाद एसडीएम छोटूलाल शर्मा से जुड़े पुराने विवाद भी सामने आ रहे हैं, जिनमें निलंबन, मुकदमे और पारिवारिक कलह शामिल हैं।

मंगलवार को जसवंतपुरा के पास पेट्रोल पंप पर कार रिफिल कराने पहुंचे शर्मा ने पंप पर प्राथमिकता न मिलने पर कर्मचारी से झगड़ा किया। वायरल वीडियो में वे चिल्लाते हुए दिखाई दे रहे हैं, मैं एसडीएम हूं यहां का... पहले मेरी गाड़ी लगाओ! कथित तौर पर उन्होंने एक कर्मचारी को थप्पड़ मारा। जब दूसरा कर्मचारी आया तो उसे भी शर्मा ने थप्पड़ जड़ा, जिसके जवाब में कर्मचारी ने भी शर्मा को थप्पड़ मारा।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद लोगों ने एसडीएम के व्यवहार की कड़ी आलोचना की और उन्हें नौकरी से हटाने की मांग की।

मामले के तूल पकड़ने पर खुद को एसडीएम शर्मा की पत्नी बताते हुए दीपिका व्यास नाम की महिला ने पंप के कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारी ने उन्हें देखकर इशारा किया और भद्दे कमेंट किए, जिसके बाद उनके पति ने कर्मचारी को सबक सिखाने के लिए ऐसा किया। व्यास ने यह भी दावा किया कि पेट्रोल पंप का मालिक भी वहां आया और गाली देने लगा, जिसके बाद उनके पति कार से बाहर आए। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंप के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।

अब खुलासा हुआ है कि दीपिका व्यास, एसडीएम छोटूलाल शर्मा की वैध पत्नी नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, अधिकारी ने पूनम शर्मा से शादी की थी, जिन्हें एसडीएम ने घर से निकाल दिया और अब वह अपने बच्चों के साथ अलग रह रही हैं। पूनम, जिन्होंने पहले अपने पति शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया था, अब गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

एसडीएम शर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्हें तीन बार अपने पद से हटाया जा चुका है। 2017 में सरकार के एक आउटरीच अभियान के दौरान तत्कालीन पंचायत समिति विकास अधिकारी के साथ सार्वजनिक विवाद के बाद उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था। उसी वर्ष बाद में, राज्य कार्मिक विभाग के आदेश के बाद, उन्हें जिंदल शाह लिमिटेड की खनन गतिविधियों से जुड़ी अनियमितताओं के लिए फिर से अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा। 2018 में टोंक में एसडीएम के पद पर रहते हुए शर्मा पर अपने घर पर चपरासी के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। आरोप था कि चपरासी एसडीएम के आवास पर पहुंचाई जाने वाली रिश्वत की रकम लेकर भाग गया था। इस घटना के बाद टोंक में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, जिसके बाद शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया।

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