54 साल बाद खुला बांके बिहारी मंदिर का खजाना, अंदर का मंजर देख उड़े सबके होश!
News Image

मथुरा: 54 वर्षों से बंद ठाकुर श्री बांकेबिहारी मंदिर का रहस्यमयी तोषखाना आखिरकार धनतेरस के शुभ अवसर पर खोला गया। लेकिन जो सामने आया, उसने सभी को स्तब्ध कर दिया।

उम्मीदें थीं कि यहां सोना, चांदी, हीरे-जवाहरात का अम्बार मिलेगा, परंतु खजाने में तो खाली संदूक, टूटे हुए कुंदे और पुराने बर्तन ही मिले। अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है, आखिर ठाकुरजी का खजाना गया कहां?

शनिवार को जिलाधिकारी सीपी सिंह और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में खजाना खोला गया। सील तोड़ने के बाद अंदर से पीतल के बर्तन, लकड़ी के चौखटनुमा मंदिर, पुराने संदूक और आभूषणों के खाली बॉक्स निकले। दिल्ली से आए सीए ने हर वस्तु की सूची तैयार की।

हैरानी की बात यह रही कि जिस खजाने में कभी कीमती जवाहरात और सोने के जेवर रखे होने की बातें कही जाती थीं, वहां अब धूल, मलबा और टूटी हुई वस्तुएं ही नजर आईं। केवल तीन कलश, कुछ पीतल के बर्तन, एक छोटी चांदी की छतरी, खाली लकड़ी के बक्से और 1970 का एक अखबार मिला।

तोषखाने का दरवाजा खोला गया तो गैस निकलने के बाद मलबा नजर आया। सफाई के दौरान अचानक दो सांप निकल आए, जिससे टीम को पीछे हटना पड़ा। वन विभाग की टीम ने तुरंत दोनों सांपों को पकड़ा और परिसर को सुरक्षित घोषित किया।

कमेटी के सदस्य और सेवायत दिनेश गोस्वामी ने कहा, खजाना तो खुल गया, लेकिन सवाल छोड़ गया। आखिर इतने सालों में खजाने का माल कहां गया? अगर बक्से खाली हैं तो कुंदे टूटे क्यों हैं? उन्होंने इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

सेवायतों के मुताबिक, साल 1926 और 1936 में मंदिर के तोषखाने में चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। 1971 में कोर्ट के आदेश पर इसे सील कर दिया गया था। अब सवाल यह है कि क्या कीमती वस्तुएं पहले ही निकाल ली गईं या बाद में गायब हुईं? बुजुर्गों के अनुसार, मंदिर में एक तहखाना भी था, जहां खजाना रखा जाता था।

श्री बांकेबिहारी मंदिर का खजाना खुलने के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा का दौर शुरू हो गया। #BankeBihariTreasure ट्रेंड करता रहा। सेवायतों ने पारदर्शिता न बरतने का आरोप लगाया।

अशोक गोस्वामी बोले, बुजुर्गों से सुना था कि यहां खजाने में कीमती वस्तुएं हैं। अब खाली बक्से देखकर मन दुखी है। जॉनी गोस्वामी ने कहा, कमेटी पारदर्शिता रखे, लाइव दिखाने में क्या दिक्कत थी?

प्रशासन ने बताया कि खजाने का एक कमरा और दो बॉक्स अभी भी खोले जाने बाकी हैं, जिन्हें रविवार को खोला जाएगा। फिलहाल खजाना फिर से सील कर दिया गया है और उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।

धनतेरस के दिन खुले इस रहस्यमयी तोषखाने से न सोना निकला, न चांदी, बल्कि उठे अनगिनत सवाल। क्या 54 साल का ये रहस्य कभी सुलझेगा या श्री बांकेबिहारी मंदिर का खजाना हमेशा रहस्य बनकर ही रह जाएगा?

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

ममता के बंगाल में बीजेपी सांसद के काफिले पर हमला, साजिश का शक!

Story 1

जेएनयू में बवाल: लेफ्ट और एबीवीपी छात्रों में हिंसक झड़प, छात्र अध्यक्ष सहित 29 हिरासत में, 6 पुलिसकर्मी घायल

Story 1

NH34 पर धू-धू कर जली बस, दिल्ली से हाथरस जा रही थी!

Story 1

बैंकॉक में उंगली बंदूक से गाली-गलौज, भारतीय युवक गिरफ्तार

Story 1

PhonePe फेल होने पर समोसे के बदले स्मार्टवॉच! जबलपुर स्टेशन पर यात्री से बदसलूकी

Story 1

अगर यमुना साफ़ हो गई है, तो एक लीटर पानी पी लीजिए : AAP का दिल्ली CM को चैलेंज

Story 1

अध्यक्ष जी बताइए क्या करें, टिकट दिलवाइए : कांग्रेस में घोटाला? MLA आलम का ऑडियो वायरल

Story 1

Sweet है या सोने की तिजोरी? जयपुर की ये अनोखी मिठाई अमीरों को भी चौंका देगी!

Story 1

सीवान में दर्दनाक हादसा: पिकअप-बाइक टक्कर में दो युवकों की मौत, ग्रामीणों का सड़क जाम

Story 1

सेना प्रमुख ने पिथौरागढ़ में अग्रिम इलाकों का दौरा कर जवानों का बढ़ाया हौसला