डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के पूर्व नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन बोल्टन के खिलाफ 18 गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ये आरोप एक यूनियन ग्रैंड जूरी द्वारा लगाए गए हैं।
आरोप पत्र में कहा गया है कि 2018 से 2019 के बीच व्हाइट हाउस में कार्यकाल के दौरान बोल्टन ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ अपने निजी ईमेल और मैसेजिंग ऐप्स पर गोपनीय सामग्री वाले नोट्स साझा किए। यह कार्रवाई सरकारी सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताई गई है।
सरकार छोड़ने के बाद कथित तौर पर एक ईरानी हैकर ने बोल्टन के ईमेल हैक कर लिए और इस जानकारी तक पहुंच गया। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया। पिछले साल अगस्त में एफबीआई ने उनके घर पर छापा मारा और वहां से ये सभी गोपनीय दस्तावेज बरामद किए।
आरोप लगाने वालों का कहना है कि बोल्टन ने ये सभी दस्तावेज न लौटाकर नियमों का उल्लंघन किया है। इन आरोपों में 18 गंभीर अपराध शामिल हैं। यह आरोप पत्र राष्ट्रपति ट्रंप के अन्य विरोधियों - लेटिटिया जेम्स और जेम्स कोमी - के खिलाफ दायर दो मामलों के बाद आया है। जॉन बोल्टन को भी ट्रंप की नीतियों का विरोधी माना जाता है।
कुछ विश्लेषक इसे बदले की राजनीति मानते हैं, लेकिन अभियोजकों के मुताबिक बोल्टन का मामला अलग है। उनके खिलाफ जुटाए गए सबूत ज्यादा मजबूत हैं और यदि आरोप साबित होते हैं, तो संभावित सजा कड़ी हो सकती है।
बोल्टन के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल ने कोई गोपनीय जानकारी साझा नहीं की थी और यह मामला पहले ही जांचकर सुलझाया जा चुका है। वकील ने इसे पुराना और राजनीतिक रूप से प्रेरित मामला बताया। वकील का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप जानबूझकर बोल्टन को फंसा रहे हैं।
बोल्टन और ट्रंप के बीच लंबे समय से नीति और स्वभाव को लेकर मतभेद रहे हैं। बोल्टन एक कठोर और बौद्धिक रणनीतिकार हैं जो शासन-परिवर्तन नीतियों के पक्षधर रहे हैं, जबकि ट्रंप गुस्से वाले और विदेशी उलझनों से बचने वाले नेता माने जाते हैं। इसलिए कई मौकों पर बोल्टन को ट्रंप की सार्वजनिक मंचों से आलोचना करते देखा गया है।
बोल्टन की किताब द रूम व्हेयर इट हैप्पंड में ट्रंप को विचलित और कम समझ वाले नेता के रूप में बताया गया है। किताब प्रकाशित होने से पहले ही ट्रंप ने इसे घटिया, गलत और गोपनीय राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन कहा था।
आरोप पत्र में कहा गया है कि बोल्टन ने अपनी पत्नी और बेटी को संपादक बताया और परिवार ने एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप पर समूह चैट बनाई थी। बोल्टन ने लिखा, भविष्य में डायरी के लिए!!!
ट्रंप प्रशासन ने 2020 में बोल्टन को किताब प्रकाशित करने से रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था, यह तर्क देते हुए कि इसमें गोपनीय सामग्री थी। एक फेडरेशन के जज ने किताब की रिलीज़ की अनुमति तो दी, लेकिन कहा कि बोल्टन ने देश को नुकसान और खुद को नागरिक और संभावित आपराधिक खतरे में डाल दिया।
कानून प्रोफेसर शॉन बिग्ली का कहना है कि बोल्टन जैसे मामलों में पूर्व-खुलासा (self-disclosure) से आपराधिक कार्रवाई को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, अगर उन्होंने खुद जानकारी दी होती, तो यह मामला शायद अदालत तक न पहुंचता।
आरोप लगाने वाले बोल्टन की पुरानी टिप्पणियों का हवाला दे रहे हैं, जिनमें उन्होंने दूसरों को गोपनीय जानकारी के दुरुपयोग पर लापरवाह और अपराधी कहा था। अब इन्हीं बयानों का उपयोग उनके इरादतन उल्लंघन के प्रमाण के रूप में किया जा रहा है।
बोल्टन ने 2020 में बड़ा जोखिम उठाया था। उन्होंने शायद यह मान लिया था कि ट्रंप, जो उस समय राष्ट्रपति रहते महाभियोग का सामना कर रहे थे, बदले की कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। लेकिन परिस्थितियां बदल गईं और ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बन गए। और अब वही जोखिम उनके लिए कानूनी संकट बन गया है।
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Justice Department Statements Regarding Indictment of Former National Security Advisor John Bolton https://t.co/lrNzDZqzvi @FBIBaltimore pic.twitter.com/yLcEqSjkLF
— FBI (@FBI) October 16, 2025
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