हर कोई आर्थिक स्वतंत्रता का सपना देखता है, लेकिन यह रातोंरात नहीं होता। इसके लिए सुनियोजित तरीके से आगे बढ़ना होता है। हर कदम न केवल आपके बैंक बैलेंस को बदलता है, बल्कि जोखिम लेने की क्षमता, समय प्रबंधन और मानसिक शांति को भी प्रभावित करता है। पैसे की यह यात्रा, जो जीविका से शुरू होकर करोड़ों की विरासत तक जाती है, अनेक पड़ावों, चुनौतियों और सीखों से भरी होती है।
CA नितिन कौशिक ने पैसे बनाने के 5 वास्तविक चरणों को समझाया है जो दिखाते हैं कि कैसे पैसा जीवन यापन के साधन से लेकर एक स्थायी विरासत बनाने का माध्यम बन जाता है।
जीविका मोड: इस अवस्था में जीवन कठिन होता है। अचानक आने वाले बिल या किराए में वृद्धि आपकी पूरी योजना को अस्त-व्यस्त कर सकती है। इस स्तर पर, निवेश का लक्ष्य नहीं होता, बल्कि एक छोटी इमरजेंसी फंड बनाना होता है, जो 50,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक हो और 3-6 महीनों के आवश्यक खर्चों को कवर कर सके। सही मायने में आर्थिक स्थिरता तब शुरू होती है जब आप अगले महीने के खर्चों को लेकर डरना छोड़ देते हैं। इस चरण में नेटवर्थ 5 लाख रुपये तक होनी चाहिए।
आर्थिक रूप से स्थिर: अब किराने का सामान, बिल और छोटे-मोटे शौक तनाव नहीं देते। बचत में नियमितता आती है। ध्यान अच्छी वित्तीय आदतों पर रहता है जैसे SIP करना, बीमा लेना और जीवनशैली में अनुशासन बनाए रखना। लेकिन यह चरण नाजुक होता है। बड़ी EMI या अधिक खर्च आपको पीछे धकेल सकते हैं। इस चरण में नेटवर्थ 5 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक होनी चाहिए।
आर्थिक रूप से आरामदायक: जीवन आसान होता जाता है। घर, गाड़ी, छुट्टियां - स्वतंत्रता बढ़ती है। मनोवृत्ति जीविका से योजना बनाने की तरफ मुड़ती है। बच्चों की शिक्षा, रिटायरमेंट फंड और संतुलित निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। सपने हकीकत में बदलते हैं, लेकिन ध्यान भटकने की संभावना भी बढ़ जाती है। इस चरण में नेटवर्थ 50 लाख रुपये से 5 करोड़ रुपये तक होनी चाहिए।
आर्थिक रूप से स्वतंत्र: मासिक बजट की चिंता खत्म हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय यात्रा, लक्जरी कार, प्रीमियम स्वास्थ्य सेवा और बिजनेस क्लास उड़ानें सामान्य हो जाती हैं। ध्यान धन संरक्षण, टैक्स योजना और पैसिव इनकम के स्रोत बनाने पर होता है। इस चरण में नेटवर्थ 5 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये तक होनी चाहिए।
पीढ़ीगत संपत्ति: अब बात धन की विरासत की है - फैमिली ऑफिस, संपत्ति योजना और दान। आपका पैसा परिवार को प्रभावित करता है और कई पीढ़ियों तक कायम रहता है। इस चरण में नेटवर्थ 50 करोड़ रुपये से ऊपर होनी चाहिए।
नितिन कौशिक का कहना है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप किसी भी चरण को न छोड़ें, बल्कि हर चरण में महारत हासिल करें। अनुशासित कंपाउंडिंग और स्मार्ट वित्तीय योजना, आसान रास्तों की तलाश नहीं, असली आर्थिक स्वतंत्रता की कुंजी हैं।
We all talk about “financial freedom” like it’s one single goal.
— CA Nitin Kaushik (FCA) | LLB (@Finance_Bareek) October 13, 2025
But in reality, money has stages.
Each stage doesn’t just change your lifestyle — it changes your relationship with risk, peace, and time.
Let’s break down the real ladder of wealth 🧵👇🏼#stockmarketscrash… pic.twitter.com/i9Tl0KXpSs
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