अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार देर रात एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने विश्व के कई पुराने विवादों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद भी शामिल है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने ये सब नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए नहीं किया है. यह बयान उन्होंने मिडिल ईस्ट की यात्रा पर जाते समय दिया.
उन्होंने गाजा संघर्ष में हाल ही में हुए सीजफायर को अपना आठवां सुलझाया युद्ध बताया. उन्होंने कहा, यह मेरा आठवां युद्ध होगा जिसे मैंने हल किया है. अब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी संघर्ष चल रहा है, इसे मैं लौटकर हल करूंगा. मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं.
ट्रंप ने भारत-पाक युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा, सोचिए भारत और पाकिस्तान. कुछ युद्ध 31, 32 या 37 साल तक चले. लाखों लोगों की मौत हुई और मैंने ज्यादातर मामलों को एक दिन के भीतर सुलझा दिया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने कुछ संघर्षों को आर्थिक उपायों, जैसे कि व्यापार और टैरिफ के जरिए हल किया.
ट्रंप ने दावा किया, मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने के लिए कहा कि आपके पास परमाणु हथियार हैं. अगर आप दोनों युद्ध करेंगे तो मैं आप पर 100%, 150% और 200% टैरिफ लगा दूंगा. मैंने टैरिफ लगाए और 24 घंटे में इसे (युद्ध) सुलझा दिया. अगर टैरिफ नहीं होते, तो यह युद्ध कभी नहीं रुकता.
हालांकि, भारत ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर और इसके बाद की सीजफायर में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी.
ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य नोबेल शांति पुरस्कार जीतना नहीं था. उन्होंने कहा, ऐसा करना मेरे लिए सम्मान की बात है. कुछ लोग कहते हैं कि 2025 में भी कई महत्वपूर्ण काम हुए हैं, लेकिन मैंने यह नोबेल के लिए नहीं किया, इसे लोगों की जान बचाने के लिए किया.
एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने गाजा को लेकर कहा, युद्ध खत्म हो गया है.
ट्रंप ने अपनी यात्रा के महत्व पर कहा, यह एक विशेष आयोजन है. आमतौर पर, अगर किसी एक पक्ष को खुशी होती है तो दूसरा खुश नहीं होता. यह पहली बार है कि हर कोई हैरान और रोमांचित है और इसमें शामिल होना सम्मान की बात है. हम अद्भुत समय बिताने वाले हैं और यह ऐसा पल होगा जो पहले कभी नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, हर कोई खुश है, चाहे वह यहूदी हों, मुसलमान हों या अरब देश. हम इजरायल के बाद मिस्र जा रहे हैं और हम बहुत शक्तिशाली और बड़े देशों और बहुत अमीर देशों के नेताओं से मिलेंगे और वे सभी इस समझौते में शामिल हैं.
गौरतलब है कि मई 2025 में सीजफायर की घोषणा भारत और पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व के बीच सीधे वार्ता के बाद की गई थी, बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में स्पष्ट बताया था कि किसी देश ने भारत से आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन रोकने का अनुरोध नहीं किया. विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार या टैरिफ पर चर्चा का ऑपरेशन सिंदूर से कोई संबंध नहीं है.
यह संघर्ष 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए.
इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी शिविरों पर हवाई और मिसाइल हमले किए. सीजफायर 10 मई को लागू हुआ.
*#WATCH | ...I settled a few of the wars just based on tariffs. For example, between India and Pakistan, I said, if you guys want to fight a war and you have nuclear weapons. I am going to put big tariffs on you both, like 100 per cent, 150 per cent, and 200 per cent...I said I… https://t.co/UejAFkcB0H pic.twitter.com/B5Zb7AjYTU
— ANI (@ANI) October 13, 2025
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