तालिबान मंत्री का देवबंद दौरा: क्या हैं अफगानिस्तान के साथ इसके गहरे रिश्ते?
News Image

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने भारत के छह दिवसीय दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध दारुल उलूम देवबंद का दौरा किया। काबुल में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब किसी वरिष्ठ तालिबानी मंत्री ने भारत का आधिकारिक दौरा किया है। इस यात्रा को दोनों देशों के संबंधों में नए अवसरों के तौर पर देखा जा रहा है।

मुत्ताकी ने देवबंद पहुंचकर इस इस्लामिक शिक्षा केंद्र की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, देवबंद अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए एक गहरा रूहानी केंद्र है। यहां के उलेमा से मिलने का उद्देश्य दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत बनाना है। उन्होंने भविष्य में ज्यादा अफगानी छात्रों के यहां शिक्षा ग्रहण करने की उम्मीद जताई।

मुत्ताकी ने बताया कि दारुल उलूम के लोगों और आसपास के इलाके के नागरिकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके अनुसार, यह यात्रा काफी सकारात्मक रही है और मुझे आशा है कि भारत-अफगानिस्तान के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत होंगे। उन्होंने देवबंद के विद्वानों और प्रशासन से उपयोगी चर्चाएं कीं।

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान विद्वान देवबंद के सबसे प्रारंभिक विदेशी छात्रों में से थे, जिन्होंने वहां पढ़ाई के बाद अपने देश में मदरसों की स्थापना की। तालिबान भी अपनी वैचारिक पहचान भारतीय देवबंदी परंपरा से जोड़ता है। इस दौरे को पाकिस्तान के प्रभावों से अलगाव और अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने का प्रयास माना जा रहा है।

पाकिस्तान के दारुल उलूम हक्कानिया में भी देवबंदी शिक्षण पद्धति अपनाई गई है। इसके संस्थापक मौलाना अब्दुल हक ने विभाजन से पूर्व देवबंद में अध्ययन और अध्यापन किया था। इस मदरसे को तालिबान आंदोलन के विचारधारा निर्माण में अहम स्थान प्राप्त है।

सहारनपुर पुलिस अधीक्षक सागर जैन ने बताया कि मुत्ताकी के दौरे को ध्यान में रखते हुए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। जिला प्रशासन और दारुल उलूम प्रशासन के बीच समन्वय से कार्यक्रम का शांति और सुव्यवस्था के साथ संचालन हुआ।

मुत्ताकी ने स्थानीय छात्रों से बातचीत की और दारुल उलूम के ऐतिहासिक पुस्तकालय का दौरा भी किया। उनकी यात्रा ने छात्रों एवं स्थानीय लोगों में उत्साह और उम्मीदें जगा दी हैं। उन्होंने कहा, देवबंद और अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी हैं, जिन्हें और मजबूत किया जाएगा।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

ट्रंप को नोबेल न मिलने पर पुतिन का तंज, जेलेंस्की का उड़ाया मजाक

Story 1

रोहित शर्मा का क्रेज बरकरार: अभिषेक नायर बने बॉडीगार्ड, फैंस से की खास अपील

Story 1

नोबेल शांति पुरस्कार: अब टैरिफ होगा 500% और... , ट्रंप का सपना टूटा, मीम्स की बाढ़!

Story 1

दुर्गापुर में हिला देने वाला कांड: मेडिकल छात्रा से बलात्कार, RG Kar की भयावह यादें ताज़ा

Story 1

Filmfare 2025: शाहरुख ने संभाला नहीं तो गिर जातीं बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस, फिर किया ये काम!

Story 1

OMG! एक-दो नहीं, इस इंसान के नाम में हैं 2253 शब्द! बना दिया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानिए कौन है ये शख्स

Story 1

लोको पायलट भाई का रौब! बेटिकट महिला ने फर्स्ट एसी में मचाया हंगामा, TTE से की बदसलूकी

Story 1

पवन सिंह नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, कहा - भाजपा का सच्चा सिपाही हूं और रहूंगा

Story 1

परिवार को हार नहीं मानने देंगे, हम सब साथ खड़े हैं : सांसद चंद्रशेखर आजाद ने वाई. पूरन कुमार के परिवार से की मुलाकात

Story 1

जान पर खेलकर लपका कैच! सुदर्शन की दिलेरी देख दंग रह गए खिलाड़ी, चोट के कारण छोड़ना पड़ा मैदान