क्या ट्रंप को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार? जानिए कौन हैं प्रमुख दावेदार
News Image

ओस्लो, नॉर्वे में आज प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के विजेता की घोषणा होगी। इस वर्ष के पुरस्कार के लिए कुल 338 नामांकन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 244 व्यक्ति और 94 संगठन शामिल हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को इस सम्मान का हकदार बताया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी संभावनाएं सीमित हैं। नोबेल समिति नामों को 50 वर्षों तक गोपनीय रखती है, लेकिन वैश्विक मीडिया और विश्लेषकों के अनुमानों के अनुसार कुछ प्रमुख नाम चर्चा में हैं।

इस बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कोई स्पष्ट दावेदार नहीं है, लेकिन वैश्विक संघर्षों, मानवाधिकारों और शांति प्रयासों के आधार पर कुछ नाम लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं।

रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवल्नी की पत्नी यूलिया नवल्नाया लोकतंत्र और मानवाधिकारों की सशक्त आवाज हैं। नवल्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने रूस में सत्तावादी शासन के खिलाफ आवाज उठाई। माना जा रहा है कि उन्हें पुरस्कार मिलना तानाशाही के खिलाफ एक सशक्त संदेश होगा।

सूडान के गृहयुद्ध के बीच हजारों स्वयंसेवकों द्वारा संचालित ERRs संगठन ने जरूरतमंदों को भोजन, दवा और आश्रय मुहैया कराया है। इस संकट के बीच इनकी निडरता को दुनिया सराह रही है। यह संगठन मानवीय साहस और सामुदायिक एकता का प्रतीक बन चुका है।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने गाजा में नरसंहार के आरोपों पर सुनवाई की, जबकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए, जिनमें इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का नाम भी शामिल है। ये संस्थाएं वैश्विक स्तर पर न्याय और अंतर्राष्ट्रीय कानून की मजबूती का प्रतीक हैं।

कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) और रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने पत्रकारों के लिए बेहद कठिन वर्ष में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की है। गाजा से लेकर सूडान तक ये संगठन लोकतंत्र और शांति के आधार माने जा रहे हैं।

यूएनआरडब्ल्यूए ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों को सहायता दी है, जबकि यूएनएचसीआर ने वैश्विक विस्थापन संकट से निपटने में बड़ी भूमिका निभाई है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) पहले भी नोबेल पुरस्कार जीत चुकी है और इस बार फिर गाजा समेत 70 से अधिक देशों में चिकित्सा सहायता देने के कारण मजबूत दावेदार मानी जा रही है।

1915 में स्थापित वुमेंस इंटरनेशनल लीग फॉर पीस एंड फ्रीडम (WILPF) महिलाओं की शांति प्रक्रियाओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर WILPF को सम्मान मिलना संभव माना जा रहा है।

स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग वर्षों से जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण न्याय की वैश्विक प्रतीक रही हैं। उन्होंने गाजा में मानवीय सहायता की मांग भी उठाई है, जिससे उनका नाम फिर से चर्चा में है।

रूसी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध के प्रतीक बने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की 2022 से लगातार दावेदारों में शामिल हैं। शांति वार्ता के ठहराव के बावजूद उन्हें पुरस्कार मिलना यूक्रेन के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन का संकेत होगा।

पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता महरांग बलोच भी इस साल चर्चा में हैं, जिन्होंने बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई है।

डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा शांति योजना और कुछ मध्यस्थता प्रयासों का श्रेय लिया है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार ये कदम नामांकन की समय सीमा (31 जनवरी 2025) के बाद आए, इसलिए इन्हें इस साल के लिए मान्य नहीं माना गया। नोबेल समिति आमतौर पर उन लोगों या संस्थाओं को प्राथमिकता देती है जो स्थायी शांति और मानवता के उत्थान के लिए चुपचाप काम करते हैं, न कि राजनीतिक उपलब्धियों पर आधारित हों।

नॉर्वे समयानुसार दोपहर 11 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे) नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के विजेता का ऐलान किया जाएगा। दुनिया की नजरें अब ओस्लो पर टिकी हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यह सम्मान किसे और किस कारण से मिलता है।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

करवा चौथ 2025: देखो चांद नजर आया! सुहागनों को मिला दीदार, व्रत खोल झूम उठीं महिलाएं

Story 1

शुभमन गिल की मैदान पर जोरदार टक्कर, जायसवाल बने डॉक्टर!

Story 1

छठी इंद्री का कमाल? कंडक्टर ने पलक झपकते ही बचाई यात्री की जान

Story 1

अफगानिस्तान की चेतावनी: हमारे साथ खेल खेलना अच्छी बात नहीं, पहले...

Story 1

बिग बॉस 19: तान्या के किस से बवाल, मालती के दावे ने मचाया तहलका!

Story 1

अट्टई की प्राइवेसी पर यूजर का अनोखा सवाल, वेंबू का जवाब - मुझ पर भरोसा करो!

Story 1

सऊदी से लौटे शौहर के लिए एयरपोर्ट पर पत्नियों का हाई वोल्टेज ड्रामा!

Story 1

ऋषभ पंत की वापसी: टीम इंडिया के लिए खुशखबरी, इस दिन मैदान पर लौटेंगे!

Story 1

यशस्वी जायसवाल का तूफान: गंभीर का 16 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त!

Story 1

अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी: कर्नाटक में ED का छापा, 40 किलो सोना जब्त