बिहार चुनाव 2025: 18 जिलों की 121 सीटों पर नामांकन शुरू, 17 अक्टूबर अंतिम तिथि
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बिहार में चुनावी घमासान शुरू हो गया है। 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। उम्मीदवार अब औपचारिक रूप से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर निर्धारित की गई है।

इन सीटों पर 6 नवंबर को मतदान होगा। इस चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला देखने की उम्मीद है। चुनाव आयोग ने सुरक्षा और निगरानी के कड़े इंतजाम किए हैं, जिसके लिए 8.5 लाख से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया गया है।

नामांकन प्रक्रिया सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलेगी। 17 अक्टूबर को अंतिम तिथि के बाद, 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 20 अक्टूबर तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं। चुनाव प्रचार 4 नवंबर की शाम 5 बजे थम जाएगा।

चुनाव आयोग ने इस चरण को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। तैनात किए गए 8.5 लाख कर्मियों में 2.5 लाख पुलिस बल शामिल हैं। मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए 4.53 लाख मतदान कर्मी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी और 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं अपनी सेवाएं देंगी।

पहली बार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जो चुनाव आयोग के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, 38 पुलिस पर्यवेक्षक और 67 व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात रहेंगे।

पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में भी नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रत्याशियों को नामांकन स्थल से 100 मीटर पहले अपने वाहन छोड़ने होंगे और पैदल ही कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करना होगा। उन्हें अधिकतम तीन गाड़ियों के साथ आने की अनुमति है। परिसर में निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी।

प्रत्याशियों को अपने बॉडीगार्ड को नामांकन कक्ष में लाने की अनुमति नहीं होगी। वे या उनके समर्थक लाइसेंसी हथियार भी नहीं ला सकेंगे। नामांकन कक्ष में प्रत्याशी के साथ अधिकतम पांच लोग जा सकते हैं।

पटना के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन के लिए अलग-अलग स्थान निर्धारित किए गए हैं। सामान्य श्रेणी के प्रत्याशियों को 10 हजार रुपये और एससी-एसटी प्रत्याशियों को 5 हजार रुपये शुल्क देना होगा। मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियों के लिए एक प्रस्तावक पर्याप्त होगा, जबकि अन्य प्रत्याशियों को 10 प्रस्तावकों के नाम देने होंगे।

प्रत्याशी अधिकतम चार सेट में नामांकन पर्चा भर सकते हैं। चुनाव में खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है।

इस बीच, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव पर वैशाली के सहदोई में आचार संहिता का उल्लंघन करने और पैसे बांटने का आरोप लगा है।

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