लाल मूली की खेती: कम लागत, ज़्यादा मुनाफा, घर बैठे मंगवाएं बीज!
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किसान भाई अब पारंपरिक फसलों को छोड़कर उन फसलों की तरफ रुख कर रहे हैं, जिनकी बाजार में मांग ज्यादा है और कमाई भी अच्छी होती है. यदि आप सर्दियों में सब्जी की खेती करने की सोच रहे हैं, तो सफेद मूली की जगह लाल मूली उगाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.

बाजार में लाल मूली की कीमत सफेद मूली से आमतौर पर अधिक होती है. यह सलाद के लिए बेहतरीन मानी जाती है और इसमें सफेद मूली के मुकाबले अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं. इसके अलावा, इसमें फाइबर और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन क्रिया दुरुस्त रखने और ब्लड प्रेशर एवं शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं.

लाल मूली की बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर के मध्य से लेकर दिसंबर के मध्य तक होता है. इससे प्रति हेक्टेयर 40-45 टन तक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है. इस प्रकार, लाल मूली की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

सबसे अच्छी बात यह है कि इसके बीज आप घर बैठे ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं.

मूली की खेती के लिए खेत कैसे तैयार करें? लाल मूली की खेती का तरीका सफेद मूली की खेती के समान ही है. सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें. इसके बाद प्रति हेक्टेयर 10 क्विंटल गोबर की खाद डालकर खेत को समतल कर लें.

फिर खेत में क्यारियां बनाएं और मेड़ें तैयार करें. अब इन मेड़ों पर अच्छी क्वालिटी के बीज बोएं या फिर नर्सरी से पौधे लाकर रोपें.

किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) ऑनलाइन मूली के बीज बेच रहा है. आप NSC के ऑनलाइन स्टोर से बीज खरीद सकते हैं. यहां पर अन्य फसलों के बीज और पौधे भी आसानी से मिल जाएंगे. ऑर्डर करने पर बीज आपके घर तक पहुंचा दिए जाएंगे.

मूली की खेती के लिए ठंडा मौसम सबसे उपयुक्त होता है. खेत की 5-6 बार जुताई करना लाभकारी है. मूली की जड़ें जमीन में गहराई तक जाती हैं, इसलिए ट्रैक्टर या मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें. इसके बाद बीजों को 3-4 सेंटीमीटर की गहराई पर बोएं, ताकि वे अच्छी तरह से अंकुरित हो सकें.

लाल मूली की देखभाल कैसे करें? लाल मूली को रोपाई के एक महीने बाद प्रति हेक्टेयर 3 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट देना जरूरी है. इससे मूली की ग्रोथ अच्छी होती है. सिंचाई के लिए टपक विधि सबसे बेहतर है. ध्यान रखें कि खेत में ज्यादा पानी न भरें. जब मिट्टी सूखी लगे तभी पानी दें. खरपतवार उगने पर खुरपी से निराई करें.

लाल मूली की फसल लगभग 2 महीने में तैयार हो जाती है. जब पत्ते हल्के पीले पड़ने लगें, तो एक मूली खोदकर देखें. यदि मूली का आकार अच्छा हो गया है तो फसल की खुदाई शुरू की जा सकती है.

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