AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के अंदर वकील द्वारा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश के बाद भाजपा और पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है।
ओवैसी ने सरकार पर धार्मिक पक्षपात का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि आरोपी राकेश किशोर के खिलाफ कोई मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया।
ओवैसी ने कहा कि भारत के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया?
एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दलित भाई यह सब देख रहे हैं। लोगों को यह समझना चाहिए कि भाजपा उनकी दोस्त नहीं हो सकती और मोदी उनके साथ नहीं हो सकते।
ओवैसी ने कहा, अगर उसका नाम राकेश किशोर नहीं होता, अगर असद होता तो क्या होता? पुलिस और भाजपा वाले क्या करते? उसे उठा लेते, पड़ोसी देश से संबंध, आईएसआई से संबंध जोड़ देते?
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है?
ओवैसी ने कहा कि राकेश किशोर नाम के एक व्यक्ति ने अपना जूता निकाला और कोर्ट नंबर एक में मुख्य न्यायाधीश के सामने फेंक दिया। उन्होंने कहा कि जज बीआर गवई, देश की सर्वोच्च अदालत, सुप्रीम कोर्ट के दूसरे दलित जज थे।
ओवैसी ने उस माहौल पर सवाल उठाया जिसने इस कृत्य को होने दिया। उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट रूम में जाकर भारत के दूसरे नंबर के न्यायाधीश पर जूता फेंकने की हिम्मत कैसे हुई?
ओवैसी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के 11 साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल ने इस तरह का जहर फैलाया है। उन्होंने पूछा कि राकेश किशोर को इतनी हिम्मत कहां से मिली और उन्होंने यह क्यों लिखा कि वे भारत में सनातन धर्म के खिलाफ कुछ बर्दाश्त नहीं करेंगे?
यह घटना सोमवार को कोर्ट नंबर एक में हुई थी, जहां निलंबित वकील राकेश किशोर ने जज पर जूता फेंकने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत रोक लिया।
किशोर ने बाद में बताया कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और उन्होंने अपने विरोध को मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गई टिप्पणी से जोड़ा।
किशोर ने कहा कि 16 सितंबर को सीजेआई की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। सीजेआई ने इसका मजाक उड़ाया और कहा कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लाने के लिए कहो।
उन्होंने कहा कि जब सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे आदेश पारित करता है। किशोर ने कहा कि याचिकाकर्ता को राहत मत दीजिए, लेकिन उसका मजाक भी मत उड़ाइए।
किशोर ने बताया कि वह नशे में नहीं थे और यह उनकी हरकत पर उनकी प्रतिक्रिया थी। उन्होंने कहा कि उन्हें जो हुआ उसका कोई अफसोस नहीं है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकील का लाइसेंस निलंबित कर दिया है और दिल्ली पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी और सत्यापन के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
भारत के दूसरे दलित Chief Justice of India पर जूता फेंकने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया?pic.twitter.com/WUd9pHhmwO
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) October 7, 2025
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