भाजपा अध्यक्ष कौन बनेगा? जेपी नड्डा ने दिया बड़ा बयान!
News Image

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए अध्यक्ष के नाम को लेकर कई महीनों से मंथन चल रहा है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। जेपी नड्डा के बाद भाजपा की कमान कौन संभालेगा, इस पर पार्टी के अंदर लगातार चर्चा हो रही है।

इन अटकलों के बीच, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद अपने उत्तराधिकारी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने पार्टी को ऐसा कौन सा विटामिन का इंजेक्शन दिया है कि उनकी जगह लेने वाला कोई नहीं मिल रहा है, तो नड्डा ने मुस्कुराते हुए कहा कि पार्टी जल्द ही फैसला करेगी और निश्चित रूप से मेरी जिम्मेदारी संभालने के लिए कोई आएगा।

उनका यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भाजपा में जल्द ही संगठनात्मक बदलाव की तैयारी चल रही है।

जेपी नड्डा जनवरी 2023 से एक्सटेंशन पर भाजपा अध्यक्ष बने हुए हैं। आमतौर पर पार्टी में अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन नए अध्यक्ष के चयन में देरी के कारण उनका कार्यकाल बढ़ाया गया है। यदि जनवरी 2026 तक भी नया अध्यक्ष नहीं चुना गया, तो नड्डा को बिना औपचारिक चुनाव के तीन साल का अतिरिक्त कार्यकाल मिल जाएगा - जो पार्टी के इतिहास में एक अनोखी स्थिति होगी।

जेपी नड्डा वर्तमान सरकार के उन गिने-चुने नेताओं में से हैं जिनके पास एक साथ तीन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं: वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ मोदी सरकार में स्वास्थ्य, रसायन और उर्वरक मंत्री भी हैं। इसके अतिरिक्त, वे राज्यसभा में सदन के नेता की भूमिका भी निभा रहे हैं। भाजपा में हमेशा से एक व्यक्ति, एक पद की परंपरा रही है, लेकिन नड्डा इसके अपवाद बन चुके हैं।

भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में कई नामों पर चर्चा है, जिनमें संगठन महासचिव बी.एल. संतोष, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, शिवराज सिंह चौहान, देवेंद्र फडणवीस, मनोहर लाल खट्टर, सुनील बंसल, और जी. किशन रेड्डी शामिल हैं। धर्मेंद्र प्रधान को हाल ही में बिहार चुनाव का प्रभारी बनाए जाने के बाद उनका कद और बढ़ा है।

भाजपा और आरएसएस के बीच नए अध्यक्ष को लेकर चल रही खींचतान भी किसी से छिपी नहीं है। हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ भाजपा के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है, पार्टी अपने हिसाब से फैसला ले सकती है। राजनीतिक विश्लेषक भागवत के इस बयान को मोदी-शाह डुओ के लिए एक सकारात्मक संकेत मान रहे हैं - जिसका अर्थ है कि अध्यक्ष चुनाव में देरी का रास्ता साफ हो गया है।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

क्या सच में खराब है नीतीश कुमार की तबीयत? तेजस्वी के Video से बिहार में सियासी तूफान

Story 1

अनुषा दांडेकर का सनसनीखेज बयान: क्या करण कुंद्रा को इस्तेमाल किया?

Story 1

कटक में इंटरनेट सेवा बंद, दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के बाद गृह विभाग का आदेश

Story 1

IND vs PAK: टॉस में पाकिस्तानी कप्तान की धोखाधड़ी! वीडियो से खुली पोल

Story 1

बाज बन उड़ा कीवी खिलाड़ी, पलक झपकते ही लपका अद्भुत कैच!

Story 1

PoK: वापस चाहिए! फिर से डेरा डालना है... मोहन भागवत गरजे!

Story 1

मैदान पर भिड़े यश धुल और यश ठाकुर, अंपायर ने संभाला मोर्चा

Story 1

टीम इंडिया को 5 खिताब दिलाकर रोहित शर्मा कैसे बने नंबर 1 कप्तान?

Story 1

जानलेवा कफ सिरप पर कई राज्यों में बैन, 16 बच्चों की मौत के बाद एक्शन

Story 1

राजस्थान को मिलीं 128 नई ब्लू लाइन बसें, गांवों तक भी होगी कनेक्टिविटी!