अभिनेता विजय की रैली में भगदड़, 20 लोगों की मौत की आशंका
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तमिलनाडु के करुर में टीवीके (टीम विजय कज़गम) की रैली में आज सुबह भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई। रैली के दौरान अचानक भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग और कार्यकर्ता बेहोश हो गए।

एम्बुलेंस तुरंत मौके पर पहुंची और बेहोश हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। कई बच्चों को भी बेहोशी के कारण भर्ती करना पड़ा। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस भगदड़ में लगभग 20 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है।

घटना तब हुई जब टीवीके प्रमुख विजय करुर में अपनी रैली को संबोधित कर रहे थे। भीड़ इतनी ज़्यादा थी कि कार्यकर्ताओं और आम जनता के लिए नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल हो गया।

विजय ने अपने भाषण को बीच में रोककर कार्यकर्ताओं को पानी की बोतलें वितरित की और भीड़ से एम्बुलेंस के लिए रास्ता बनाने का आग्रह किया। रैली स्थल पर अफरा-तफरी मचने के कारण पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा, जिससे कई लोग घायल हुए।

रैली के दौरान एक 9 साल की बच्ची लापता हो गई, जिसे खोजने के लिए विजय ने कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। विजय ने रैली में पूर्व DMK मंत्री सेंथिल बालाजी की ओर इशारा करते हुए तंज भी किया।

उन्होंने बिना नाम लिए DMK की आलोचना की कि उन्होंने करुर में हवाई अड्डा बनाने का वादा किया था, लेकिन इसे केंद्र सरकार पर टाल दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु की राजनीति में अगले छह महीनों में सत्ता बदल सकती है, जो कि उनके 2026 विधानसभा चुनाव अभियान का हिस्सा है।

घटना के बाद प्रशासन और पुलिस ने तुरंत स्थिति नियंत्रण में ली। पुलिस और रैली आयोजक बेहोश हुए लोगों और बच्चों की सुरक्षा के लिए सक्रिय हुए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि करुर से जो खबरें मिल रही हैं, वे गंभीर और चिंताजनक हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि भीड़ में फंसे और बेहोश हुए लोगों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कर उनकी मेडिकल मदद की जाए।

सीएम स्टालिन ने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी, मंत्री सुब्रमणियन एमए, और जिला कलेक्टर से संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने ADGP से बात कर स्थिति को जल्दी नियंत्रित करने और राहत कार्यों को प्रभावी बनाने को कहा।

स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर भी इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भीड़ और भगदड़ का कारण रैली स्थल पर भारी संख्या में लोग और उचित मार्गदर्शन की कमी थी। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी रैलियों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।

इस घटना ने तमिलनाडु में चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक आयोजनों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के महत्व को उजागर किया है। यह स्पष्ट है कि बड़े जनसमूह वाले कार्यक्रमों में सुरक्षा उपायों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना आवश्यक है।

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