सोनम वांगचुक पर लद्दाख डीजीपी का सनसनीखेज खुलासा: पाकिस्तानी कनेक्शन और विदेशी फंडिंग की जांच शुरू
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लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची लागू करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. भूख हड़ताल के दौरान हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए गए वांगचुक को जोधपुर जेल भेजा गया है.

लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसडी सिंह जम्वाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वांगचुक के पाकिस्तान से संबंधों की जांच की जा रही है.

डीजीपी के अनुसार, 24 सितंबर को हुई हिंसा में 17 सीआरपीएफ जवान और 70 से अधिक नागरिक घायल हुए. झड़प में चार लोगों की मौत भी हुई. अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से आधा दर्जन को हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी माना जा रहा है. तीन नेपाली नागरिक भी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं.

डीजीपी जम्वाल ने बताया कि पुलिस ने एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) को गिरफ्तार किया है, जो वांगचुक के संपर्क में था. यह व्यक्ति सीमा पार से उनके विरोध प्रदर्शनों के वीडियो भेजता था. पुलिस के पास इसका रिकॉर्ड मौजूद है.

इसी कड़ी में वांगचुक की कुछ विदेश यात्राओं को भी संदिग्ध बताया जा रहा है. वे पाकिस्तान में डॉन अखबार के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे और बांग्लादेश भी गए थे.

डीजीपी जम्वाल ने यह भी कहा कि सोनम वांगचुक के खिलाफ विदेशी फंडिंग और एफसीआरए उल्लंघन की जांच चल रही है. उनका आरोप है कि भूख हड़ताल का मंच शांतिपूर्ण आंदोलन की जगह कुछ तत्वों के जरिए हिंसा और अराजकता फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया.

जम्वाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार पहले से ही लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ बातचीत कर रही थी. 25-26 सितंबर को दिल्ली में वार्ता की योजना भी बनी थी, लेकिन वांगचुक ने भूख हड़ताल जारी रखकर उत्तेजक भाषण देकर इस प्रक्रिया को विफल करने की कोशिश की. उन्होंने अरब स्प्रिंग और पड़ोसी देशों की अशांति का हवाला देकर लोगों को भड़काया.

डीजीपी ने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी इसलिए जरूरी थी ताकि हालात न बिगड़ें. उनके मुताबिक यह पूरा मामला सुनियोजित प्लान का हिस्सा था और तनाव रोकने के लिए कदम उठाना पड़ा. उन्होंने साफ किया कि जांच पूरी होने के बाद ही सभी तथ्य सार्वजनिक किए जाएंगे.

लद्दाख में छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से उठ रही है. अब सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और पाकिस्तानी लिंक की जांच ने इस आंदोलन को नया मोड़ दे दिया है.

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