उत्तराखंड में लगातार बारिश, बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देहरादून और राज्य के कई हिस्सों में मंगलवार को बादल फटने और रात भर हुई मूसलाधार बारिश से भारी तबाही हुई।
उफनती नदियों ने इमारतों, सड़कों और पुलों को बहा दिया, जिससे 15 लोगों की मौत हो गई, 16 लोग लापता हो गए और करीब 900 लोग फंस गए।
हरिद्वार में भूस्खलन से रेल पटरियों पर मलबा गिरने से हरिद्वार-ऋषिकेश रेलमार्ग अवरुद्ध हो गया। यह घटना रेलवे स्टेशन के पास काली मंदिर के पास हुई, जहां पहाड़ी से पत्थर ट्रैक पर बने लोहे के स्ट्रक्चर को क्षतिग्रस्त करते हुए गिरे। मरम्मत का काम जारी है।
राज्य में हुई 15 मौतों में से 13 देहरादून जिले में और नैनीताल व पिथौरागढ़ जिलों में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है। देहरादून में 16 लोग लापता हैं। देहरादून में मरने वालों में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के आठ निवासी भी शामिल हैं, जिनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली टोंस नदी पार करते समय बह गई। समूह के दो और लोग लापता हैं।
NDRF, SDRF और अग्निशमन कर्मियों ने विभिन्न स्थानों पर फंसे लगभग 900 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है, जबकि लापता लोगों की तलाश जारी है।
भारी बारिश के बाद राज्य की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। तमसा नदी (टोंस नदी) ने टपकेश्वर मंदिर को जलमग्न कर दिया, जिससे हनुमान प्रतिमा डूब गई। मंदिर के पुजारी ने पिछले 25-30 सालों में नदी का इतना जलस्तर नहीं देखा था।
देहरादून जिले में सड़कें टूट गईं और कई पुल बह गए। SDRF के जवान बाढ़ग्रस्त नदियों में फंसे कारों और ट्रकों को निकालने में मदद कर रहे हैं।
देहरादून के पौंधा क्षेत्र में देवभूमि संस्थान परिसर में फंसे 400-500 छात्रों को SDRF ने निकाला। एक लड़का बिजली के खंभे पर चढ़ गया था, जिसे SDRF ने रस्सी की मदद से बचाया।
देहरादून में बारिश से संबंधित तीन मौतें हुईं, नैनीताल में दो और पिथौरागढ़ में एक। अकेले देहरादून जिले में अलग-अलग घटनाओं में सात लोग बह गए, जिनकी तलाश जारी है।
सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। कई सड़कें, घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और पुल बह गए। शहर के अलग-अलग हिस्सों में सात लोग बह गए और 601 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें से अधिकतर को बचा लिया गया है। देहरादून-मसूरी मार्ग भी कई स्थानों पर टूट गया है।
प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे, जिन्हें बाद में निकाल लिया गया। नैनीताल में भूस्खलन से एक सड़क अवरुद्ध हो गई है और मझारा गांव के निवासियों को सड़क पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं, सड़कें टूट गई हैं और संपर्क मार्ग कट गए हैं। मकान और सरकारी संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति से अवगत कराया है। केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
सोंग नदी में बाढ़ आ गई है, जिससे मालदेवता में एक पुल खतरे में पड़ गया है। देहरादून के आईटी पार्क इलाके में भी जलभराव की सूचना है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अवरुद्ध मार्गों को जल्द से जल्द खोलने और सुरक्षित पेयजल और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
*VIDEO | Uttarakhand: Passengers face delay as landslides due to heavy rains block rail tracks in Haridwar; restoration underway.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 16, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/HLXAInnUJs
धौला कुआं दुर्घटना: वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह का अंतिम संस्कार
सऊदी राजदूत ने गाया फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी... , हिंदी प्रेम से जीता दिल!
हिमाचल में बादल फटने से भारी तबाही, मंडी में बस अड्डा और दुकानें जलमग्न, तीन की मौत
बिहार में बदलाव की बयार: तेजस्वी यादव ने शुरू की अधिकार यात्रा
मॉरीशस के पीएम रामगुलाम ने राजघाट पर बापू को दी श्रद्धांजलि, राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात
बहराइच में भेड़िया रिटर्न? पांच दिन में 4 हमले, 3 मौतें, पैटर्न समान, ड्रोन से निगरानी
नागार्जुन ने पीएम मोदी को दी जन्मदिन की बधाई, साझा की 2014 की यादगार मुलाकात
हम आतंकवादी नहीं, पाकिस्तान के लिए लड़े : जैश कमांडर का ज़हर उगलना
टॉयलेट सीट उठाते ही दिखा फन फैलाए कोबरा, कोटा डॉक्टर्स हॉस्टल में दहशत!
प्रधानमंत्री मोदी का 75वां जन्मदिन: सामान्य टिकट पर यात्रा से लेकर मां के निधन पर भी नहीं ली छुट्टी, नेताओं ने दी बधाई