कचहरी में दरोगा पर जानलेवा हमला, वर्दी फाड़ी, प्रशासन अलर्ट!
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वाराणसी में कचहरी परिसर के अंदर वकीलों ने दरोगा मिथिलेश प्रजापति पर हमला कर दिया। दरोगा को बुरी तरह पीटा गया, जिससे उनकी वर्दी फट गई और उनके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं।

दरोगा के सिर और चेहरे पर तीन गहरे घाव हैं, और उनके पूरे शरीर पर 13 चोट के निशान पाए गए हैं। उनके साथ मौजूद एक सिपाही भी इस मारपीट में घायल हो गया। घायल दरोगा को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

घटना के बाद, प्रशासन ने कचहरी परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, डीआईजी शिवहरि मीणा, और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिला जज के साथ बैठक की और वकीलों से कोर्ट परिसर खाली करने का आग्रह किया ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। प्रशासन ने इस घटना को कानून व्यवस्था के लिए एक चुनौती बताया है और चेतावनी दी है कि सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना बड़ागांव थाना क्षेत्र के पुआरी खुर्द गांव से जुड़े एक जमीन विवाद से संबंधित है। दो पट्टीदारों, मोहित कुमार सिंह और प्रेमचंद्र मौर्या, के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। आरोप है कि मोहित पक्ष आराजी संख्या 125 पर अस्थायी स्थगन आदेश के बावजूद निर्माण कार्य कर रहा है, जबकि प्रेमचंद्र पक्ष का दावा है कि वे आराजी संख्या 126 पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैध निर्माण कर रहे हैं।

विवाद इतना बढ़ गया कि 13 सितंबर 2025 को समाधान दिवस जनसुनवाई के दौरान दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। पुलिस ने शांति भंग के आरोप में दोनों पक्षों का चालान कर दिया। आरोप है कि इसी दौरान दरोगा मिथलेश प्रजापति ने एक पक्ष के वकील के साथ मारपीट की, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया।

वकीलों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए दरोगा पर हमला कर दिया। उन्होंने दरोगा को घेर लिया और पीटना शुरू कर दिया। घटना इतनी गंभीर थी कि दरोगा की वर्दी फट गई और वे घायल होकर गिर पड़े।

प्रशासन ने घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल भेजा और कचहरी चौकी पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया। अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और वकीलों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

इस घटना ने कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अदालत परिसर जैसे संवेदनशील स्थान पर पुलिसकर्मी पर हमला होना चिंताजनक है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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