ब्रिटेन की राजधानी लंदन में शनिवार, 13 सितंबर 2025 को धुर-दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन के बुलावे पर यूनाइट द किंगडम नाम से एक बड़ी रैली निकाली गई. पुलिस के अनुसार, इसमें 1.10 लाख से 1.50 लाख लोग शामिल हुए.
शुरुआत में यह रैली शांतिपूर्ण थी, लेकिन बाद में हिंसा में बदल गई. रैली में शामिल लोगों की मुख्य चिंता ब्रिटेन में बढ़ते अवैध इमिग्रेशन को लेकर थी. लोग हम अपना देश वापस चाहते हैं , नाव रोको जैसे नारे लगा रहे थे.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे अपने देश की पहचान, संस्कृति और आजादी को बचाना चाहते हैं, जो उन्हें लगता है कि प्रवासियों के कारण खतरे में पड़ गई है. उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के खिलाफ भी नारे लगाए.
इस रैली का नेतृत्व टॉमी रॉबिन्सन ने किया, जिन्होंने 2009 में इंग्लिश डिफेंस लीग की स्थापना की थी. रॉबिन्सन ने इस रैली को ब्रिटेन में सांस्कृतिक क्रांति की शुरुआत बताया.
टेस्ला के CEO एलन मस्क ने वीडियो लिंक के जरिए रैली का समर्थन करते हुए कहा कि बेकाबू प्रवास की वजह से ब्रिटेन की पहचान मिट रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की सरकार भंग करने की भी मांग की.
मस्क के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिबरल डेमोक्रेट नेता एड डेवी ने कहा कि हमारा लोकतंत्र विदेशी तकनीकी दिग्गजों का खिलौना नहीं है.
रैली में फ्रांस के धुर-दक्षिणपंथी नेता एरिक जेमूर ने भी भाग लिया और ग्रेट रिप्लेसमेंट थ्योरी की बात की.
रैली के दौरान पूरे लंदन में भारी पुलिस बल तैनात था. हिंसा भड़कने के बाद दंगा रोकने वाली यूनिट को भी बुलाया गया. पुलिस ने 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और 26 पुलिसवाले घायल हुए हैं.
ब्रिटेन की गृह मंत्री शबाना महमूद ने पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों की निंदा की और चेतावनी दी कि उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा.
रैली की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोगों को इस्लामिक स्टेट, मुस्लिम ब्रदरहुड और फिलिस्तीन के झंडे जलाते हुए देखा जा सकता है.
टॉमी रॉबिन्सन की रैली के विरोध में मार्च अगेंस्ट फासिज्म नाम से एक जवाबी प्रदर्शन भी हुआ, जिसमें करीब 5,000 लोग शामिल हुए. लेबर पार्टी की सांसद डायन एबॉट ने इस प्रदर्शन को नस्लभेदी बताया.
हालांकि, प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साधी रखी.
यह एंटी-इमिग्रेशन रैली दिखाती है कि ब्रिटेन में प्रवास और सांस्कृतिक पहचान को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है.
The lion is awake, the roar is deafening in London as millions take to the streets against the erosion of our free speech and against those paid to lead us, given our country s away.
— Tommy Robinson 🇬🇧 (@TRobinsonNewEra) September 13, 2025
No more!
Patriotism is the future.
The future belongs to us! pic.twitter.com/6eIRjhU12Y
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