उत्तर प्रदेश के झांसी में एक महिला की क्रूर हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए पूर्व प्रधान और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। घटना की कहानी दिल दहला देने वाली है।
यह कहानी 13 अगस्त को शुरू हुई, जब झांसी के टोड़ीफतेहपुर थाना क्षेत्र के किशोरपुर गांव में एक किसान को अपने खेत में तेज दुर्गंध महसूस हुई। कुएं में देखने पर उसे दो तैरती हुई बोरियां दिखाई दीं। सूचना मिलने पर पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बोरियों को बाहर निकाला, जिनमें महिला के शरीर के टुकड़े थे। एक बोरी में गर्दन से कमर तक का हिस्सा था, जबकि दूसरी में कमर से घुटनों के ऊपर तक का हिस्सा था। महिला के हाथ, पैर और सिर गायब थे, जिससे पूरे गांव में सनसनी फैल गई।
इस ब्लाइंड मर्डर को सुलझाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती थी। झांसी एसएसपी ने आठ टीमों का गठन किया और जांच शुरू की। कुएं को खाली करने पर एक और बोरी मिली, जिसमें महिला के दोनों हाथ थे, लेकिन सिर और पैर अभी भी गायब थे। बिना सिर वाली लाश की पहचान करना मुश्किल था और 72 घंटे बाद पुलिस ने शव के टुकड़ों का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन जांच जारी रही। पुलिस ने 100 से ज्यादा गांवों में पूछताछ की और 200 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
झांसी एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम लगातार हत्या का खुलासा करने के लिए खोजबीन कर रही थी। पुलिस ने शव वाली बोरी के धागे की जांच की और बोरियों में मिली मिट्टी भी गांव के आसपास की पाई गई, जिससे पुलिस को पता चला कि मामला आसपास का ही है। पुलिस ने क्षेत्र में लगभग 1000 पोस्टर लगवाए। एक व्यक्ति ने पोस्टर देखकर दूसरे को बताया कि उसकी बहन चार दिन से गायब है। वह शख्स पुलिस के पास पहुंचा और महिला की पहचान टीकमगढ़ की रहने वाली रचना यादव के रूप में हुई।
जांच में पता चला कि रचना यादव विधवा थी और उसका अपने जेठ से मुकदमा चल रहा था। इस मामले में महेवा गांव का पूर्व प्रधान संजय पटेल उसका साथ दे रहा था। इस दौरान रचना और संजय पटेल के बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गए। बाद में रचना ने संजय पटेल पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद संजय पटेल ने अपने भतीजे संदीप पटेल और एक अन्य साथी प्रदीप अहिरवार के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बनाई। 8 अगस्त को उसकी हत्या कर शव को कार में रखकर रात में कुएं के पास ले जाकर कई टुकड़े कर दिए गए और कुएं व पुल के पास फेंक दिया गया।
शानदार टीम वर्क के लिए डीआईजी ने पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम दिया है। फिलहाल तीसरा आरोपी प्रदीप अहिरवार फरार है, जिस पर 25 हजार का इनाम रखा गया है। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी संजय ने प्रदीप को हत्या के पैसे दिए थे।
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झाँसी @bbgtsmurthyips के कुशल निर्देशन में स्वाट,सर्वेलन्स एवं थाना टोड़ीफतेहपुर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा ब्लाइन्ड मर्डर की घटना का सफल अनावरण कर 02 अभियुक्तगण को घटना में प्रयुक्त इण्डिका कार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया । pic.twitter.com/5WKCjInvJc
— Jhansi Police (@jhansipolice) August 20, 2025
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