नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के बढ़ते आक्रोश और सोशल मीडिया बैन किए जाने से उपजे आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है. युवा वर्ग सड़कों पर उतर आया और कथित तौर पर मंत्रियों और नेताओं पर हमले किए, साथ ही संसद, सुप्रीम कोर्ट और प्रधानमंत्री आवास तक को नुकसान पहुंचाया गया.
इस बीच, भारत के कुछ नेताओं ने नेपाल की स्थिति की तुलना भारत से करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि लोग चर्चा कर रहे हैं कि जिस तरह से नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश में सत्ता को जनता ने उखाड़ फेंका है, क्या भारत में भी ऐसा नहीं हो सकता? उन्होंने यहाँ तक कहा कि कुछ लोग ऐसी संभावना भी जता रहे हैं.
उदित राज ने आगे कहा कि वास्तव में परिस्थितियां वैसी ही हैं, लेकिन हमारा संविधान ऐसा करने से रोकता है. हमारी लोकतंत्र की जड़ें गहरी हैं, जिन्हें कांग्रेस ने डाला है.
भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सी.आर. केसवन ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की इस तरह की खतरनाक टिप्पणी देश विरोधी है. उन्होंने कहा कि ये टिप्पणियां जानबूझकर अशांति भड़काने वाली हैं.
केसवन ने यह भी कहा कि कांग्रेस का पहले का और मौजूदा नेतृत्व, दोनों ही डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के लिए हमेशा सबसे बड़ा खतरा रहा है. उन्होंने कांग्रेस पर 1975 में संविधान की हत्या करने और लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया.
एक दिन पहले, उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी ऐसी ही बातें कही थीं, जिसका काफी विरोध हो रहा है. राउत ने कहा कि भारत का सीमावर्ती देश नेपाल बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से जुड़ा है. नेपाल में लगी आग भारत में भी फैल सकती है, क्योंकि यहां 75 लाख नेपाली रहते हैं.
राउत ने कहा कि भारत की स्थिति ठीक नहीं है, यह ऊपर-ऊपर से दिखा रहे हैं. लोगों में बहुत असंतोष है. सबको सावधान रहना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और पाकिस्तान में जो हुआ, वह भारत में भी हो सकता है.
राउत ने कहा कि नेपाल भारत को बड़ा भाई मानता था, लेकिन संकट के समय यह बड़ा भाई साथ खड़ा नहीं रहा. यह हमारी विदेश नीति की विफलता है. उन्होंने देश में बेरोजगारी और गरीबी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी जी 80 करोड़ लोगों को राशन दे रहे हैं, इसका मतलब है कि ये लोग आज भी गरीब हैं और 10 किलो राशन पर जी रहे हैं. नेपाल की हालत भी ऐसी ही है.
These dangerous remarks from a senior congress leader are blatantly anti-national and deliberately inciting unrest. The Congress leadership both past and present is always the greatest threat to Dr. Babasaheb Ambedkar’s Constitution. The Congress party in 1975 murdered our… pic.twitter.com/PHA5FYV1Mf
— C.R.Kesavan (@crkesavan) September 11, 2025
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