ट्रंप प्रशासन की नीतियों से दशकों पुरानी भारत-अमेरिका साझेदारी खतरे में पड़ती नजर आ रही है, और इस पर अमेरिकी सांसद सिडनी कामलागर-डोव ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी आलोचना की है।
डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद कामलागर-डोव ने ट्रंप की लापरवाह विदेश नीति को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे मजबूत रिश्ते खतरे में पड़ रहे हैं, जबकि रिपब्लिकन नेता चुप बैठे हैं।
सांसद कामलागर-डोव ने सदन में दिए एक तीखे भाषण में ट्रंप से तुरंत अपना रुख बदलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, भारत के साथ इस साझेदारी को ट्रंप के अहंकार की बलि नहीं चढ़ने देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप की नीतियों ने भारत पर 50% टैरिफ लगाकर स्थिति को और खराब कर दिया है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के साथ रक्षा और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत किया था।
कामलागर-डोव ने रिपब्लिकन नेताओं पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे अपने मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) समर्थकों के प्रति वफादार हैं और इसलिए भारत के साथ द्विपक्षीय साझेदारी की रक्षा करने से इनकार कर रहे हैं।
उन्होंने ट्रंप प्रशासन से एक डील करने और नुकसान की भरपाई करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला करने के लिए अमेरिका-भारत सहयोग आवश्यक है।
ट्रंप प्रशासन ने अगस्त में भारत पर 50% टैरिफ लगाया था, जिसे रूस से तेल खरीदने के कारण दंडात्मक कदम बताया गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
हालांकि, ट्रंप ने हाल ही में भारत के साथ व्यापार वार्ताओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य बाधाओं को दूर करना और एक ऐतिहासिक समझौते पर पहुंचना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि ये वार्ताएं भारत-अमेरिका साझेदारी की असीमित संभावनाओं को उजागर करेंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका-भारत संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। फरवरी में मोदी की वॉशिंगटन यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था।
लेकिन जुलाई में ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अपनी मध्यस्थता का दावा किया, जिसे नई दिल्ली ने खारिज कर दिया।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर इन टैरिफ का असर पड़ रहा है। भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ 2025 में भारत के जीडीपी को आधा प्रतिशत तक कम कर सकते हैं।
डेमोक्रेट्स ने ट्रंप की नीति को रणनीतिक आपदा बताया है, जबकि रिपब्लिकन समर्थक इसे अमेरिका फर्स्ट नीति का हिस्सा मानते हैं।
पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने चेतावनी दी है कि भारत के साथ संबंध खराब होने से चीन को फायदा होगा।
This partnership with India is too important to be sacrificed for Trump’s ego. Trump must reverse course, make a deal, and fix the damage he caused. Trump needs to get his act together, declares Democratic Congresswoman Sydney Kamlager-Dove pic.twitter.com/XmuMVen5W3
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 10, 2025
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