अब भी नहीं माने तो... सैनिकों की तैनाती की चेतावनी, नेपाल आर्मी का कड़ा संदेश
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नेपाल में विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। आंदोलन की आड़ में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं।

नेपाली सेना ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सेना ने स्पष्ट किया कि वह देश की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

सेना ने प्रदर्शनकारियों से राष्ट्रीय धरोहरों, सांस्कृतिक स्थलों और नागरिक संपत्तियों को नुकसान न पहुंचाने का अनुरोध किया है।

मौजूदा हिंसा को देखते हुए नेपाली सेना ने सैन्य कर्मियों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती के संबंध में एक विज्ञप्ति जारी की है।

नेपाली सेना का कहना है कि कुछ लोग वर्तमान परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठाकर नागरिकों और सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, लूटपाट और आगजनी कर रहे हैं।

नेपाल सेना एक बार फिर ऐसी गतिविधियों में शामिल न होने की अपील करती है।

अगर ये गतिविधियां नहीं रुकीं, तो हम सूचित करते हैं कि नेपाल सेना और सभी सुरक्षा एजेंसियां, अपनी मुख्य जिम्मेदारी के तहत, नेपाल और नेपालियों की सुरक्षा के लिए भाद्रपद 24, 2082 की रात 10 बजे से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैनात रहेंगी। हम पूरे देश से सहयोग की अपील करते हैं।

सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने मंगलवार रात एक वीडियो संदेश में आंदोलनकारियों से बातचीत का आह्वान किया।

सिगडेल ने प्रदर्शनकारियों से अपने विरोध कार्यक्रम स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि राष्ट्र को इस असाधारण स्थिति से शांतिपूर्ण तरीके से बाहर निकलना चाहिए।

सेना ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी गतिविधियां नहीं रुकीं, तो रात 10 बजे से नेपाली सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां तैनात की जाएंगी।

नेपाली सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने मंगलवार को एक संयुक्त अपील जारी कर प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि चूंकि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, इसलिए सभी से संयम बरतने और इस कठिन परिस्थिति में जान-माल को और नुकसान न होने देने की अपील है। उन्होंने सभी पक्षों से राजनीतिक बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान निकालने का अनुरोध किया।

संयुक्त बयान में कहा गया कि बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान ही व्यवस्था और स्थिरता बहाल करने का एकमात्र रास्ता है।

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में नेपाली सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल, नेपाल सरकार के मुख्य सचिव ई. नारायण आर्यल, गृह सचिव गोकर्ण दावडी, सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के प्रमुख राजू आर्यल, पुलिस महानिरीक्षक चंद्र कुबेर खापुंग और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुख हुतराज थापा शामिल हैं।

यह अपील ऐसे समय में आई है, जब प्रदर्शनकारियों ने संसद, सिंह दरबार परिसर, उच्चतम न्यायालय, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के आवासों में आगजनी की है।

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