उपराष्ट्रपति चुनाव: एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन को भारी बढ़त
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देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव की मतगणना आज दोपहर से शुरू हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन शुरुआती रुझानों में ही बड़ी बढ़त बनाए हुए हैं।

काउंटिंग के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, राधाकृष्णन विपक्ष के उम्मीदवार को बड़े अंतर से पीछे छोड़ते हुए आगे चल रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में एनडीए के पक्ष में भारी समर्थन की चर्चा है, और मतों की गिनती पूरी होने के बाद यह बढ़त और भी स्पष्ट हो सकती है।

सी. पी. राधाकृष्णन की बढ़त से राजनीतिक गलियारों में एनडीए की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। विपक्ष के उम्मीदवार को सीमित समर्थन मिला है। मतगणना के प्रत्येक चरण में राधाकृष्णन की जीत की संभावना और बढ़ती जा रही है। राज्यसभा की अध्यक्षता जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए इस चुनाव का परिणाम सरकार की स्थिरता और आगामी राजनीतिक समीकरणों पर असर डाल सकता है।

लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मतदान प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से सम्पन्न हुई। मतगणना के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई। सांसदों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी निभाई, जबकि कुछ दलों ने मतदान से दूरी बनाकर राजनीतिक संदेश दिया।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के कुल 788 सदस्यों में से वर्तमान में 7 सीटें रिक्त हैं।

कुल 781 सांसद मतदान के पात्र थे, जिनमें से 768 सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 13 सांसद मतदान में शामिल नहीं हुए। अनुपस्थित रहने वाले सांसदों में बीआरएस के 4, बीजेडी के 7, अकाली दल का 1 और 1 निर्दलीय सांसद शामिल हैं।

एनडीए के पक्ष में कुल 427 सांसदों ने मतदान किया, जो स्पष्ट रूप से उसकी मजबूत स्थिति को दर्शाता है। वहीं विपक्ष के उम्मीदवार को सीमित समर्थन प्राप्त हुआ है। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, एनडीए उम्मीदवार को दो-तिहाई से अधिक समर्थन मिलने की संभावना जताई जा रही है।

संसद में मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना सामने नहीं आई। चुनाव आयोग की ओर से मतदान के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई थीं।

एनडीए के समर्थकों का कहना है कि सी.पी राधाकृष्णन का लंबा प्रशासनिक अनुभव और ग्रामीण पृष्ठभूमि उन्हें देश के लिए उपयुक्त नेता बनाती है। वहीं विपक्ष ने चुनाव को लोकतांत्रिक मूल्यों की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया और वोटिंग प्रक्रिया में भाग लिया, भले ही समर्थन सीमित रहा हो।

मतगणना की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जा रही है। प्रत्येक बैलेट की गिनती के साथ ही परिणाम स्पष्ट होते जा रहे हैं। संसद भवन परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मतगणना की निगरानी कर रही है ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरी हो।

राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि इस चुनाव का परिणाम आगामी राज्यों के चुनाव और संसद में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। एनडीए की बढ़त से सरकार को स्थिरता का संदेश मिलेगा जबकि विपक्ष को अपने संगठन और रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

मतगणना पूरी होने के बाद आधिकारिक घोषणा की जाएगी, जिसके बाद संसद भवन में औपचारिक कार्यक्रम आयोजित होगा। वहीं, राजनीतिक दलों ने अपने-अपने कार्यालयों में परिणाम का स्वागत और विश्लेषण शुरू कर दिया है।

इस चुनाव ने स्पष्ट कर दिया है कि एनडीए के पास संसद में मजबूत संख्या बल है और आगामी राजनीतिक घटनाक्रम में उसका प्रभाव निर्णायक रहेगा।

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