सर्किट हाउस मारपीट: कांग्रेस का मंत्री केदार कश्यप के कार्यालय पर धावा, महिला पुलिसकर्मी घायल, बीजेपी ने लगाया तोड़फोड़ का इल्ज़ाम
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जगदलपुर में बीते शनिवार देर शाम सर्किट हाउस में हुए विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। वन मंत्री केदार कश्यप पर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोपों के बाद, मामला पुलिस तक पहुंचा।

इस घटना के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भानपुरी में मंत्री केदार कश्यप के निजी कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी घायल हो गई।

वहीं बीजेपी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मंत्री के कार्यालय में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेसियों की करतूत देखिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने पत्थरों का इस्तेमाल किया, जिससे एक महिला पुलिसकर्मी घायल हो गईं।

उल्लेखनीय है कि वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप पर सर्किट हाउस के एक कर्मचारी ने मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है। मंत्री के दौरे से लौटने के बाद कथित तौर पर दरवाजा देरी से खोलने पर कर्मचारियों से नाराज होने के बाद यह मामला सामने आया।

मंत्री केदार कश्यप ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल कर्मचारियों को डांटा था, मारपीट का आरोप पूरी तरह से गलत है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री के जगदलपुर स्थित आवास में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया, जिसके कारण धक्का-मुक्की हुई।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुशील मौर्य ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब मंत्री केदार कश्यप पर कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोप लगे हैं। उन्होंने कहा कि केदार कश्यप सत्ता के नशे में चूर हैं और दो कानून लागू करना चाहते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस ने सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। इसके अलावा, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मंत्री ने सर्किट हाउस के कर्मचारी और उसकी पत्नी पर केस वापस लेने का दबाव डाला। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर कर्मचारी की नौकरी पर आंच आती है तो पार्टी उग्र आंदोलन करेगी।

सर्किट हाउस में कर्मचारी से मारपीट के मामले में रायपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री केदार कश्यप के बंगले का घेराव करने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने रोक दिया। प्रदर्शन में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और पूर्व महापौर प्रमोद दुबे सहित कई कांग्रेसी शामिल हुए।

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से अनियंत्रित हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री और उनसे जुड़े लोग गरीब और आदिवासी परिवारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित की एफआईआर नहीं लिखी जा रही है और भविष्य में उसके साथ कुछ घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी भाजपा और पूरी सरकार की होगी।

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