मुख्यमंत्री के पति की बैठक में मौजूदगी पर बवाल, आप ने बताया फुलेरा पंचायत !
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दिल्ली की राजनीति में फिर से हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता की सरकारी बैठक में उपस्थिति को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने हैं।

रविवार को शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में मनीष गुप्ता, जो एक व्यवसायी और समाजसेवी हैं, मुख्यमंत्री के साथ बैठे देखे गए। तस्वीरें सामने आने के बाद आप और कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक और वंशवाद की राजनीति बताया है, जबकि भाजपा ने इसका बचाव किया है।

बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षेत्र में चल रहे कामकाज का नियमित मूल्यांकन किया जाए और तय समयसीमा के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए। इस दौरान मनीष गुप्ता भी पीले शर्ट पहने मुख्यमंत्री के पास बैठे नजर आए। रेखा गुप्ता ने खुद बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाया कि जब मनीष गुप्ता किसी भी तरह से दिल्ली सरकार का हिस्सा नहीं हैं, तो उन्हें आधिकारिक बैठक में क्यों बैठाया गया। उन्होंने इसे असंवैधानिक करार दिया और कहा कि दिल्ली सरकार अब फुलेरा पंचायत बन गई है, जहां मुख्यमंत्री के पति असली मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहे हैं।

भारद्वाज ने भाजपा पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या यह वंशवाद नहीं है और क्या भाजपा के पास कोई कार्यकर्ता नहीं बचा जिस पर भरोसा किया जा सके।

आप सांसद संजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा, दिल्ली में अब दो मुख्यमंत्री हैं - रेखा गुप्ता असली मुख्यमंत्री और उनके पति सुपर मुख्यमंत्री। कांग्रेस ने भी सवाल उठाया कि आखिर दिल्ली सरकार चला कौन रहा है - मुख्यमंत्री या उनके पति?

विवाद पर भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा कि मनीष गुप्ता न केवल मुख्यमंत्री के पति हैं, बल्कि शालीमार बाग क्षेत्र में समाजसेवी के तौर पर लोगों की समस्याओं को भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि बैठक केवल अधिकारियों के लिए नहीं थी, उसमें स्थानीय निवासी भी मौजूद थे।

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि विपक्ष रेखा गुप्ता पर हमला करने के लिए कोई ठोस मुद्दा ढूंढ रहा है, जबकि रेखा गुप्ता के पति सिर्फ अपने क्षेत्र का प्रबंधन देख रहे हैं।

यह विवाद नया नहीं है। पहले भी मनीष गुप्ता की कई बैठकों में उपस्थिति को लेकर सवाल उठाए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता की सरकारी बैठकों में मौजूदगी ने दिल्ली की राजनीति में फिर से बवाल खड़ा कर दिया है। विपक्ष इसे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बता रहा है, जबकि भाजपा इसे सामान्य और उचित करार दे रही है। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराएगा या नहीं।

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