यूक्रेन में लगातार हो रहे हमलों और बिगड़ती मानवीय स्थिति ने अमेरिका को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताते हुए साफ कहा है कि अमेरिका और सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आक्रामक रुख के बावजूद ट्रंप लगातार प्रयास कर रहे हैं कि यह युद्ध रुक जाए, पर अभी तक कोई सफलता नहीं दिख रही है। रूस की अर्थव्यवस्था पर दबाव डालने के लिए अमेरिका पहले ही कई तरह के प्रतिबंध लागू कर चुका है। अब ट्रंप ने घोषणा की है कि रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
व्हाइट हाउस से रविवार को ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अगर रूस की आक्रामक नीतियां जारी रहती हैं, तो अमेरिका अगले चरण के कठोर कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब रूस ने यूक्रेन पर अपने हमलों की रफ्तार को काफी बढ़ा दिया है। कीव स्थित यूक्रेन सरकार की मुख्य इमारत पहली बार युद्ध की सीधी चपेट में आई। यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्वेरीडेंको ने बताया कि इस हमले में इमारत की ऊपरी मंजिलें पूरी तरह तबाह हो गईं और कई हिस्सों में आग लग गई।
हमले के दौरान रूस ने एक साथ 800 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जो अलग-अलग शहरों पर गिरीं। इसे अब तक का यूक्रेन पर सबसे बड़ा और सबसे भीषण हवाई हमला बताया जा रहा है।
रविवार को व्हाइट हाउस में एक पत्रकार ने ट्रंप से सवाल किया कि क्या वह रूस पर प्रतिबंधों के दूसरे चरण को लागू करने के लिए तैयार हैं। इस पर ट्रंप ने कहा, हां, मैं तैयार हूं। उन्होंने आगे जोड़ा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी रहता है तो अमेरिका अगले चरण के प्रतिबंधों को कड़े तरीके से लागू करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये संभावित नए प्रतिबंध सीधे रूस की आर्थिक व्यवस्था और ऊर्जा सेक्टर पर असर डाल सकते हैं।
अमेरिका कई वर्षों से रूस पर तरह-तरह के प्रतिबंध लागू करता आ रहा है। अमेरिकी वित्तीय संस्थानों को रूस के केंद्रीय बैंक, राष्ट्रीय धन कोष और वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बॉन्ड के द्वितीयक बाजार में शामिल होने से रोक दिया गया है।
इन प्रतिबंधों का असर रूस के सबसे बड़े सरकारी बैंक, निजी क्षेत्र के सबसे बड़े अल्फा-बैंक, और साथ ही उसकी प्रमुख गैस, खनन, तेल, पाइपलाइन, रेलमार्ग, समुद्री परिवहन और दूरसंचार कंपनियों पर भी पड़ा है।
इन पाबंदियों की वजह से रूसी संस्थानों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोन जुटाना बेहद मुश्किल हो गया है। उनके द्वारा जारी किए गए या पहले से मौजूद लोन साधनों का मूल्य भी वैश्विक बाजार में घट गया है। इस तरह अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई आर्थिक और वित्तीय प्रतिबंध लागू कर रखे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूस की हालिया कार्रवाई को रणनीतिक साज़िश करार दिया। उनका कहना है कि रूस जानबूझकर युद्ध को लंबा खींच रहा है, ताकि वैश्विक इच्छाशक्ति को कमजोर किया जा सके।
ज़ेलेंस्की ने कहा, यह केवल हमला नहीं, बल्कि योजनाबद्ध नरसंहार है। जब बातचीत की संभावना थी, उसी समय बमबारी की जा रही है। यह दर्शाता है कि रूस को शांति नहीं चाहिए, केवल युद्ध ही उसका मकसद है।
इस हमले में चार नागरिकों की जान गई, जिनमें एक बच्चा और एक युवती शामिल हैं। यूक्रेन की वायु सेना ने बताया कि देश के 37 इलाकों में मिसाइल और ड्रोन हमले हुए, जिनमें कई नागरिक क्षेत्र भी शामिल थे और वहां भारी नुकसान हुआ।
#WATCH | Washington, DC | On being asked if he is ready to move to the second phase of sanctions against Russia and punishing Putin, US President Donald Trump says, Yes, I am...
— ANI (@ANI) September 7, 2025
(Source: US Network Pool via Reuters) pic.twitter.com/Z4QHLXA07y
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