ब्रह्मोस ने जहां मचाई तबाही, वहां फिर आतंकी अड्डे! हमला हुआ तो कब्रिस्तान बनना तय
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जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान ने फिर से कट्टरपंथ को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है. उसने उन आतंकी ठिकानों को फिर से खड़ा करना शुरू कर दिया है, जिन्हें भारतीय सेना ने तबाह कर दिया था. पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भी कुछ ऐसा ही चल रहा है.

मुरीदके में तबाह हो चुके आतंकी अड्डे को पाकिस्तानी मजदूर गिरा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि फील्ड मार्शल आसिम मुनीर दोबारा आतंकी फैक्ट्री स्थापित करना चाहते हैं. पीओके में पाकिस्तान की नापाक हरकतें जारी हैं.

एलओसी के पास पीओके में पाकिस्तानी फौज ने फिर से बंकर बनाने शुरू कर दिए हैं. ये बंकर उन इलाकों में बनाए जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना लॉन्च पैड की तरह करती है. इन बंकरों को दोहरी सुरक्षा से लैस किया गया है, ताकि भारतीय कार्रवाई होने पर आतंकियों की जान बचाई जा सके. बताया जा रहा है कि पीओके के अथमुकाम, कोटली, हजीरा और कहूटा में ऐसे बंकर बनाए जा रहे हैं.

आतंकी ठिकानों को फिर से खड़ा करने के साथ-साथ आसिम मुनीर ने उन सैन्य अड्डों की मरम्मत भी शुरू करा दी है जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने तबाह कर दिया था. ऐसा ही एक ठिकाना था पाकिस्तानी एयरफोर्स का नूर खान एयरबेस.

नूर खान एयरबेस पर ब्रह्मोस मिसाइल से ऐसा हमला किया गया था कि इस बेस से कोई विमान उड़ान नहीं भर पा रहा था. 7 मई को हुए इस हमले में एयरबेस का रनवे और एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम बर्बाद हो गया था. पाकिस्तान ने लगभग 3 महीनों तक नॉटम जारी किया हुआ था, और अब सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है.

नूर खान एयरबेस पर हमला सिर्फ किसी फौजी ठिकाने पर हमला नहीं था, बल्कि यह पाकिस्तान को भारत की शक्ति का एहसास कराने वाला संदेश था. इस्लामाबाद और नूर खान एयरबेस की दूरी सिर्फ 25 किलोमीटर है.

BULLETIN OF ATOMIC SCIENTISTS की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने एटमी हथियारों के लिए यूरेनियम का संवर्धन करने के प्रयास बढ़ा दिए हैं. पाकिस्तान के पास फिलहाल चार प्लूटोनियम आधारित एटमी रिएक्टर हैं और वह एक यूरेनियम आधारित एटमी रिएक्टर का विकास कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने अपनी RAAD मिसाइलों को भी एटमी वॉरहेड ले जाने के लिए सक्षम बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को अंदाजा हो चुका है कि वह पारंपरिक युद्ध में भारत का मुकाबला नहीं कर सकता. इसी वजह से पाकिस्तानी फौज अपने एटमी हथियारों की तादाद बढ़ा रही है ताकि आने वाले समय में भारतीय कार्रवाई का जवाब दिया जा सके.

पाकिस्तान के पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने कहा था कि वे घास खा लेंगे, भूखे भी रह लेंगे, लेकिन पाकिस्तान के पास अपना एटम बम होगा. ऐसा लगता है समय का चक्र घूम गया है. आज पाकिस्तान में अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है और गरीब और मिडिल क्लास तबका रोटी के लिए भी तरस रहा है, लेकिन पाकिस्तान के अंदर एटमी हथियार बनाने की जिद आज भी कायम है.

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