विवेक अग्निहोत्री की फाइल्स ट्रिलॉजी की तीसरी फिल्म, द बंगाल फाइल्स 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. फिल्म 1946 में कोलकाता में हुए हिंदुओं के नरसंहार की भयावह घटनाओं को दर्शाती है.
फिल्म में महात्मा गांधी का चित्रण विवाद का विषय बन गया है. एक दृश्य में, गोपाल पाठा (सौरभ दास) गांधी (अनुपम खेर) से पूछते हैं कि हिंदू महिलाओं को हमलों से खुद को कैसे बचाना चाहिए. जवाब में, गांधी कहते हैं, किसी भी महिला के एक भी बाल को हाथ लगता है, तो उसे आत्महत्या कर लेनी चाहिए. और वह ऐसा अपनी जीभ को जोर से काट सकती है या सांस रोककर अपने प्राणों को त्याग सकती है. वही असली साहस है.
सोशल मीडिया पर भी इसी तरह के दावे प्रसारित हो रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि गांधी ने महिलाओं को मुस्लिम बलात्कारियों के साथ सहयोग करने और अपनी जीभ काटने और मरने तक अपनी सांस रोकने की सलाह दी थी. डोमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिन्स की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट का हवाला भी दिया जा रहा है.
लेकिन, यौन हिंसा पर गांधी के वास्तविक विचारों की जांच करने पर एक अलग तस्वीर सामने आती है. गांधीवादी संस्थाओं द्वारा संचालित वेबसाइट mkgandhi.org के अनुसार, गांधी का रुख निष्क्रिय समर्पण के बिल्कुल विपरीत था.
1940 में गांधी ने कहा था, मेरा हमेशा से मानना रहा है कि किसी महिला का उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक रूप से शोषण करना असंभव है. यह आक्रोश तभी होता है जब वह डर के आगे झुक जाती है या अपनी नैतिक शक्ति का एहसास नहीं करती. अगर वह हमलावर की शारीरिक शक्ति का सामना नहीं कर पाती, तो उसकी पवित्रता उसे उसके शोषण में सफल होने से पहले ही मर जाने की शक्ति देगी.
1942 में गांधीजी ने सक्रिय प्रतिरोध की वकालत की, जब किसी महिला पर हमला होता है, तो उसे हिंसा या अहिंसा के बारे में नहीं सोचना चाहिए. उसका प्राथमिक कर्तव्य आत्मरक्षा है. वह अपने सम्मान की रक्षा के लिए हर संभव तरीका या साधन अपनाने के लिए स्वतंत्र है. ईश्वर ने उसे नाखून और दांत दिए हैं. उसे अपनी पूरी ताकत से उनका इस्तेमाल करना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर इस प्रयास में मर भी जाना चाहिए.
इन दस्तावेज़ी बयानों में गांधी को आत्महत्या की सलाह देने वाले व्यक्ति के रूप में नहीं, बल्कि सशक्त आत्मरक्षा के समर्थक के रूप में चित्रित किया गया है. उन्होंने महिलाओं को हर संभव तरीका या साधन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें नाखूनों और दांतों से शारीरिक प्रतिरोध भी शामिल था. ज़ोर पूरी ताकत से लड़ने पर था, न कि चुपचाप मौत को स्वीकार करने पर.
*Did you know?
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) July 30, 2025
When Hindu women were being abducted and raped in Noakhali,
Gandhi’s advice was: “Learn how to die.”
No justice. No resistance. Just silence and sacrifice.
The Bengal Files
Releasing worldwide on 05 September 2025 pic.twitter.com/wZNcm5rluR
केरल कांग्रेस के विवादित पोस्ट से मचा बवाल, बिहार की तुलना बीड़ी से!
इमरान खान की बहन पर किसने फेंके अंडे! पुलिस के एक्शन पर उठे सवाल
पनवेल में हाई-वोल्टेज ड्रामा: हत्या के दोषी ने 5 रिश्तेदारों को बनाया बंधक, पुलिस ने सभी को सुरक्षित बचाया
अनंत सिंह और बृजभूषण शरण सिंह की वायरल वीडियो कॉल, बिहार चुनाव पर हुई चर्चा
नागा चैतन्य ने पूरे किए 16 साल, NC24 निर्माताओं ने दी बधाई!
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, टैरिफ विवाद पर बनेगी रणनीति
यमुना में दिल्ली डूबी होने का दावा गलत, स्थिति नियंत्रण में: मंत्री प्रवेश वर्मा
एशिया कप 2025: सभी 8 टीमों ने घोषित किए अपने स्क्वाड, जानिए कौन हैं कप्तान और खिलाड़ी
टोटी चोरी बयान पर माफी मांगें केतकी सिंह, भेजा गया कानूनी नोटिस!
केरल कांग्रेस की विवादित पोस्ट: बी से बिहार और बीड़ी , मचा बवाल, मांगी माफी