भारत अपनी पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी एडवांस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हालांकि, इसमें लगभग 10 साल का समय लग सकता है। इसलिए, भारतीय वायुसेना (IAF) जल्द ही हल्के लड़ाकू विमान LCA Mk1A तेजस को अपने बेड़े में शामिल करने की तैयारी कर रही है।
इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक से 113 अतिरिक्त F404-GE-IN20 इंजन खरीदने जा रहा है। यह डील लगभग तय मानी जा रही है, जिससे पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ गई है।
इस बीच, एक निजी कंपनी ने तेजस के धड़ की असेंबलिंग भी पूरी कर दी है। HAL ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि LCA Mk1A कार्यक्रम के तहत हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस Mk1A के लिए दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली 4 सितंबर, 2025 को भारतीय निजी उद्योग मेसर्स वीईएम टेक्नोलॉजीज द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपा गया। यह विमान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
HAL के सीएमडी डॉ. डीके सुनील ने कहा कि वे LCA Mk1A कार्यक्रम में भारतीय निजी क्षेत्र के विकास से खुश हैं और उत्पादन बढ़ाने और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
खबरों के अनुसार, HAL अक्टूबर में पहले दो LCA MK-1A विमान देने के लिए तैयार है। अमेरिका से इंजन की आपूर्ति में देरी के बावजूद HAL ने अपनी गति बनाए रखी है। 10 विमान पहले ही बनाए जा चुके हैं और उनका परीक्षण भी किया जा चुका है। इनकी पहली आपूर्ति अक्टूबर में होगी, जिसमें नासिक से एक विमान पहले ही सौंपने के लिए तैयार है।
रिपोर्टों के मुताबिक, इस महीने प्रोडक्शन लाइन को सहयोग देने के लिए अमेरिका से दो अतिरिक्त इंजन आने की उम्मीद है। F404 इंजनों के अलावा 10 अमेरिकी F414 इंजन पहले ही दिए जा चुके हैं। अतिरिक्त 97 तेजस Mk-1A के लिए 113 F404 इंजनों का व्यापक सौदा भी पूरा हो चुका है और लागत पर बातचीत भी पूरी हो चुकी है।
तेजस के भारतीय लड़ाकू बेड़े में शामिल होने से चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को परेशानी होगी। तेजस तेजी से मार करने में सक्षम है और कम ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में इसका कोई जवाब नहीं है। यह निचली ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उड़ने के कारण दुश्मनों को चकमा देने में भी बेहद कारगर है, जिससे यह पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में गेमचेंजर साबित हो सकता है।
LCA Mk2 को 2027 में रोलआउट किया जाना है। 83 Mk-1A लड़ाकू विमानों के 2029 तक आने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, इस चर्चा में सबसे बड़ा समझौता GE-414 इंजन के लिए है, जो भारत के पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) को शक्ति प्रदान करेगा। GE ने इंजन के लिए 80% प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की HAL की मांग पर सहमति जताई है।
जनरल इलेक्ट्रिक, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को तेजस एमके1 लड़ाकू विमान के लिए 8,500 करोड़ की लागत से 113 जेट इंजन की आपूर्ति करेगी। GE ने आश्वासन दिया है कि चल रहे टैरिफ युद्ध का इस समझौते के क्रियान्वयन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 2021 में भारत ने 5,500 करोड़ मूल्य के 99 F404 GE-IN20 इंजनों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। नवीनतम ऑर्डर के साथ, भारत ने अब जीई के साथ कुल 212 जेट इंजनों के लिए लगभग 14,000 करोड़ के समझौते को अंतिम रूप दे दिया है।
In a significant development for the LCA Mk1A programme, the second centre fuselage assembly for the Light Combat Aircraft (LCA) Tejas Mk1A was handed over to Hindustan Aeronautics Limited (HAL) by Indian private industry, M/s VEM Technologies on September 4, 2025. pic.twitter.com/G0XJ4ldn7O
— HAL (@HALHQBLR) September 5, 2025
मोदी से EU नेताओं की बात, क्या ट्रंप के लिए है कोई संदेश?
आखिरकार क्यों Lionel Messi की आंखों से छलके आंसू?
द बंगाल फाइल्स : मुंबई में पहला शो रद्द, दर्शक भड़के!
क्या ब से बीड़ी, ब से बिहार? केरल कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल
दिल्ली में बाढ़ पीड़ितों को शिविरों में भोजन और मच्छरों से परेशानी: केजरीवाल
एशिया कप से पहले हार्दिक पांड्या का चौंकाने वाला लुक वायरल, पहली नज़र में पहचानना मुश्किल!
मधरसी का जलवा: क्या बागी 4 और द बंगाल फाइल्स को पछाड़ रही ये साउथ फिल्म?
शिक्षक दिवस पर नन्हे छात्र ने यूट्यूब, गूगल और चैटजीपीटी को किया विश, वीडियो वायरल
जबलपुर में MP हाई कोर्ट लिखी बिना नंबर प्लेट की गाड़ी का वीडियो वायरल, पुलिस पर उठे सवाल
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, टैरिफ विवाद पर बनेगी रणनीति