जान जोखिम में डालकर नदी से लट्ठे निकाल रहे लोग, हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी बढ़ा रहा खतरा!
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बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं, और यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और बहाव भी बहुत तेज है।

ऐसे खतरनाक हालात में भी, स्थानीय लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में उतरकर लकड़ी के लट्ठे निकाल रहे हैं। तेज धार में बहकर आ रही लकड़ियों को पकड़ने के लिए लोग पानी में उतर जाते हैं, जबकि हर पल उनके बह जाने का खतरा बना रहता है।

जिलाधिकारी मनीष बंसल ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से पानी से दूर रहने की अपील की है। एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें लोग यह देखकर हैरान हैं कि ग्रामीण मामूली लाभ के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं।

बढ़ते जलस्तर और तेज धारा के बीच किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। डीएम बंसल ने कहा है कि नदी का तेज बहाव बेहद खतरनाक है और जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन ग्रामीणों की यह जोखिम भरी कोशिश लगातार चिंता बढ़ा रही है।

हथिनीकुंड बैराज से 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे दिल्ली तक बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने नदी के तटवर्ती गांवों और निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है।

सिंचाई विभाग के अनुसार, यह पानी 24 से 48 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा, जिससे सहारनपुर से लेकर शामली, बागपत और दिल्ली तक बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। यमुना नदी का जल स्तर सोमवार सुबह 5:00 बजे से ही बढ़ना शुरू हो गया था।

यमुना में अचानक छोड़े गए पानी का असर सरसावा और नकुड़ क्षेत्र के नदी किनारे के गांवों पर ज्यादा पड़ा है। नदी किनारे बसे कई गांवों में पानी घुसने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और नदी किनारे अनावश्यक न जाएं। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने संयुक्त रूप से गांव-गांव में मुनादी कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं।

नौका दल व रेस्क्यू टीमें सक्रिय कर दी गई हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सके। दिल्ली सरकार ने भी हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी का संज्ञान लेते हुए अलर्ट जारी किया है।

जानकारों का कहना है कि अगर अगले 24 घंटे में हरियाणा और उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला जारी रहा तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

पिछले वर्षों में भी हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली और आसपास के कई निचले क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इस बार भी खतरे के संकेत साफ हैं।

सहारनपुर से लेकर दिल्ली तक यमुना किनारे बसे इलाकों में हालात गंभीर हो सकते हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती गांवों में दहशत फैला दी है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।

सोमवार सुबह हथिनीकुंड बैराज से 329313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सुबह 7 बजे 272000 क्यूसेक पानी, 8 बजे तकरीबन 311032 क्यूसेक पानी और 9 बजे 329313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शाम को 2.12 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

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