अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा: बाढ़ पीड़ितों को राहत का आश्वासन
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जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर बने हुए हैं। लगातार हो रही बारिश से लोगों को भारी परेशानी हो रही है।

सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ितों को राहत और पुनर्वास मुहैया कराने का आश्वासन दिया।

इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा भी गृह मंत्री के साथ मौजूद थे।

जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अमित शाह को मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। शाह रविवार रात को जम्मू बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे।

अमित शाह ने जम्मू संभाग में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके नुकसान का आकलन किया। उन्होंने चक मांगू गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की, साथ ही तवी पुल, शिव मंदिर और जम्मू में बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों का भी निरीक्षण किया।

अधिकारियों ने बताया कि अमित शाह ने ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें उचित राहत एवं पुनर्वास प्रदान करने का आश्वासन दिया।

गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। उन्होंने मौसम विभाग और NDMA को डेटा एनालिटिक्स और AI का उपयोग करके बादल फटने के कारणों का अध्ययन करने का आदेश दिया। शाह ने GLOF अर्ली वार्निंग सिस्टम के क्रिटिकल रिव्यू की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

अमित शाह ने हाल की प्राकृतिक आपदाओं में हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और सुरक्षा, पुनर्वास और पुनर्निर्माण को सुगम बनाने के लिए त्वरित राहत, वित्तीय सहायता और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है।

शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें जल्द ही नुकसान का जायजा लेने आएंगी, जिसके बाद त्वरित सहायता प्रदान की जाएगी।

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सभी एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को कम किया है और समन्वित प्रयासों से कई जानें बचाने में सफलता मिली है, लेकिन व्यवस्था को और भी मजबूत करने की जरूरत है।

14 अगस्त से किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 33 लोग लापता हैं। मृतकों में 34 तीर्थयात्री भी शामिल हैं, जो 26 अगस्त को माता वैष्णो देवी मंदिर जाते समय भूस्खलन की चपेट में आ गए थे। जम्मू और अन्य निचले इलाकों में 26-27 अगस्त को मूसलाधार बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई थी, जिससे भारी नुकसान हुआ।

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