सोशल मीडिया पर निजी स्कूलों की बढ़ती फीस को लेकर अभिभावकों की शिकायतें आम हैं. लेकिन हाल ही में रेडिट पर सामने आया एक फीस स्ट्रक्चर देखकर लोगों के होश उड़ गए हैं.
एक रेडिट पोस्ट में बताया गया है कि आजकल स्कूल पहली कक्षा में महज 6 साल के बच्चे की पढ़ाई के लिए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के सालाना पैकेज से भी ज्यादा फीस वसूल रहे हैं. इस बात ने कमेंट सेक्शन में एक गरमागरम बहस छेड़ दी है.
वायरल हो रहे रेडिट पोस्ट के मुताबिक, कर्नाटक के बेंगलुरु के एक नामी स्कूल में फर्स्ट क्लास में पढ़ने वाले छह साल के बच्चे की सालाना फीस 7,35,000 रुपये है. इतना ही नहीं, स्कूल में एडमिशन के समय ही बच्चे के माता-पिता से 1 लाख रुपये का नॉन-रिफंडेबल चार्ज भी लिया जाता है. इस भारी-भरकम फीस स्ट्रक्चर को लेकर लोग गुस्से में हैं.
एक रेडिट यूजर ने लिखा, ये तो छोड़िए! किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट के अलावा ये फीस हर महीने 61,250 रुपये हो जाती है, जो ज्यादातर भारतीयों की साल भर की कमाई से भी ज्यादा है. यूजर का कहना है कि इन स्कूलों ने माता-पिता को यह यकीन दिला दिया है कि घर के डाउन पेमेंट जितना पैसा खर्च करना उनके बच्चे के भविष्य के लिए कितना जरूरी है.
यूजर ने इस महंगे एजुकेशन सिस्टम को एक मार्केटिंग रणनीति बताया है. उसने कहा कि पहले कृत्रिम अभाव पैदा किया जाता है, फिर इंटरनेशनल सिलेबस का टैग लगा दिया जाता है, और माता-पिता को लगता है कि वे अपने बच्चे में इन्वेस्ट कर रहे हैं. जबकि, असलियत ये है कि वे सामाजिक शर्मिंदगी से बचने के लिए इतना पैसा खर्च करते हैं.
पोस्ट के अंत में यूजर ने लिखा, कुल मिलाकर हम ऐसी एजुकेशनल झुग्गियां बना रहे हैं, जहां सिर्फ बेहद अमीर लोग ही 6 साल की उम्र से क्वालिटी एजुकेशन का खर्च उठा सकते हैं. मुझे इस बात पर यकीन नहीं होता कि इस हाईवे डकैती का कोई शैक्षिक औचित्य है.
यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई है.
एक यूजर ने कमेंट किया, एजुकेशन को धंधा बना दिया है. दूसरे ने कहा, फीस के नाम पर ये सरासर डकैती है. एक अन्य यूजर ने लिखा, ऐसे स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य फैसिलिटी के लिए पैसे लेते हैं. अगर आपको दिक्कत है, तो कोई दूसरा स्कूल देख लो.
Annual fee structure of primary school years at one of the better institutions in Bangalore.
— Hardik Pandya (@hvpandya) August 30, 2025
₹7,35,000 per annum from Grade 1.
Don’t miss the ₹1,00,000 non-refundable admission fees. pic.twitter.com/mHoOMRd6Qi
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