2400 से ज्यादा महिलाओं को सरकारी नौकरी, मुख्यमंत्री ने सौंपे नियुक्ति पत्र
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार का मिशन रोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग में 2,425 नवचयनित महिला पर्यवेक्षकों और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे।

यह पहल विभाग में लगभग दो दशकों में सबसे बड़े भर्ती अभियान के रूप में सामने आई है। इससे महिला सशक्तिकरण और उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्णतः निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया।

उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल आंगनवाड़ी व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि महिला एवं बाल विकास सेवाओं में भी नई ऊर्जा का संचार करेगी। कार्यक्रम में महिला कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री बेबी रानी मौर्य और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतिभा शुक्ला भी उपस्थित रहीं।

पिछले आठ वर्षों में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

लोक सेवा आयोग के माध्यम से छह जिला कार्यक्रम अधिकारियों और 200 से अधिक बाल विकास परियोजना अधिकारियों की पदोन्नति की गई। इसके अतिरिक्त, 75 जिलों में 19,424 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती की गई, जबकि 3,000 से अधिक सहायिकाओं को कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नत किया गया।

कुल 22,290 मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मुख्य कार्यकर्ता के रूप में पदोन्नत किया गया और उनका मासिक मानदेय ₹5,500 से बढ़ाकर ₹8,000 कर दिया गया।

दो साल पहले, 320 मानदेय-आधारित कार्यकर्ताओं को नियमित सेवा में शामिल किया गया था, जो विभाग के कार्यबल को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी।

इसी अवधि में 182 मृतक मुख्य कार्यकर्ताओं के आश्रितों को कनिष्ठ सहायक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई।

20 वर्षों के बाद, मुख्य कार्यकर्ताओं (समूह ग ) से बाल विकास परियोजना अधिकारी (समूह ख ) के 197 पदों पर पदोन्नति पूरी हुई। इसी वर्ष, 20,000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पारदर्शी भर्ती की गई, जो विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पिछले आठ वर्षों में योगी सरकार ने राज्य में 8.5 लाख से ज़्यादा सरकारी नौकरियाँ प्रदान की हैं, साथ ही निजी क्षेत्र और एमएसएमई में 2 करोड़ से ज़्यादा रोज़गार के अवसर सृजित किए हैं।

मिशन रोजगार के तहत निरंतर पहल के ज़रिए सरकार युवाओं के लिए नए रास्ते खोलते हुए राज्य की प्रगति को गति दे रही है।

इस कार्यक्रम में नियुक्ति पत्रों का वितरण आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए।

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